गुरुग्राम, 13 जुलाई 2025
राधिका यादव, एक टेनिस कोच और उभरती हुई खिलाड़ी, की उसके पिता दीपक यादव द्वारा कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह हृदयविदारक घटना गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे उनके गुरुग्राम स्थित घर में घटी, जब राधिका रसोई में खाना बना रही थी।
इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है, खासकर तब से जब राधिका की सबसे करीबी दोस्त हिमांषिका सिंह राजपूत ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर घटना के पीछे की पितृसत्तात्मक सोच और सामाजिक दबाव को उजागर किया।
🗣️ “मेरी सबसे अच्छी दोस्त की हत्या उसके पिता ने की” — हिमांषिका की भावुक पोस्ट
हिमांषिका ने वीडियो में कहा:
“मेरी सबसे अच्छी दोस्त राधिका की हत्या उसके ही पिता ने कर दी। उन्होंने उसकी जिंदगी सालों तक नरक बना दी थी — हर चीज़ पर नियंत्रण, हर बात पर टोकना… वे उसकी आज़ादी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। राधिका को शॉर्ट्स पहनने, लड़कों से बात करने, अपनी मर्जी से जीने पर शर्मिंदा किया जाता था।”
🏡 “घर से 50 मीटर की दूरी पर अकादमी, फिर भी बंधन”
हिमांषिका ने आगे बताया कि राधिका एक बेहतरीन कोच थीं, जो अपने घर से महज 50 मीटर दूर टेनिस अकादमी में कोचिंग देती थीं, फिर भी उसे समय पर घर लौटने के लिए मजबूर किया जाता था।
“उसे हर बार बताना पड़ता था कि वह किससे बात कर रही है, यहां तक कि मुझसे वीडियो कॉल करते वक्त भी।”
🔫 हत्या कैसे हुई?
परिवार के एक सदस्य और चाचा कुलदीप यादव ने पुलिस को बताया कि उन्होंने फायरिंग की आवाज़ सुनी, ऊपर जाकर देखा तो राधिका खून से लथपथ पड़ी थीं। FIR के अनुसार, पिता दीपक यादव को गांव में यह ताना मिलता था कि वे बेटी की कमाई पर पल रहे हैं। इसी कारण उन्होंने राधिका को कोचिंग छोड़ने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया, जिससे नाराज़ होकर उन्होंने उसे गोली मार दी।
💔 “लोग क्या कहेंगे” वाली सोच बनी एक और बेटी की दुश्मन
वीडियो के भाग 2 में, हिमांषिका ने और गंभीर आरोप लगाए:
“गांव के लोग कहते थे कि वह मेकअप करती है, छोटे कपड़े पहनती है, और पिता की कमाई वही कर रही है। यहां तक कि उसे ‘धंधे’ में भेजने की बात तक कही गई। क्या हर बार औरतों को पुरुषों की झूठी इज्जत की कीमत पर मरना होगा?”
👩⚖️ क्या कहता है कानून और समाज?
यह मामला केवल एक हत्या नहीं, सामाजिक तानों, महिला स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और पितृसत्तात्मक मानसिकता का जीता-जागता उदाहरण है। अब पुलिस ने धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
🔎 न्याय और सामाजिक जागरूकता की ज़रूरत
राधिका की कहानी यह दर्शाती है कि भारत में आज भी कई बेटियों को अपने ही घरों में आज़ादी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है। समाज को यह समझने की ज़रूरत है कि महिला की स्वतंत्रता उसका अधिकार है, न कि किसी की इज्जत का बोझ।
