दुर्ग जिले के 337 ग्रामों में होगा डिजिटल फसल सर्वेक्षण 2025-26, सर्वेक्षणकर्ताओं को मिलेगा भुगतान, प्रशिक्षण भी शुरू

दुर्ग, 12 जुलाई 2025 //
भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा एग्रीस्टेक परियोजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में डिजिटल फसल सर्वेक्षण 2025-26 की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य खरीफ 2025 में बोई गई फसलों का सटीक एवं पारदर्शी डिजिटल दस्तावेजीकरण करना है। इस वर्ष जिले के 337 ग्रामों में यह डिजिटल सर्वेक्षण किया जाएगा।


👨‍🌾 प्रत्येक ग्राम में 20 सर्वेक्षणकर्ता होंगे नियुक्त

प्रत्येक ग्राम में 20 स्थानीय सर्वेक्षणकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। इन्हें पूर्व में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे निर्धारित तकनीकी प्रक्रिया के अनुरूप खसरा स्तर पर फसल की जानकारी मोबाइल ऐप या डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से दर्ज कर सकें।


💰 प्रति खसरा ₹10 का भुगतान

सर्वेक्षणकर्ताओं को प्रत्येक खसरा पर ₹10 की दर से भुगतान किया जाएगा। यह राशि संबद्ध बैंक खातों के माध्यम से सीधे ट्रांसफर की जाएगी। सर्वेक्षण कार्य का आबंटन “पहले आओ, पहले पाओ” सिद्धांत पर आधारित होगा।

  • प्रत्येक सर्वेक्षणकर्ता को प्रतिदिन 25 खसरे सौंपे जाएंगे।
  • कार्य की गुणवत्ता और प्रगति के आधार पर अधिक खसरे भी दिए जा सकते हैं।
  • प्रविष्टियों का सत्यापन 48 घंटे के भीतर संबंधित राजस्व निरीक्षक द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
  • तहसीलदार/नायब तहसीलदार सर्वेक्षण कार्य की जाँच करेंगे।

📊 पिछले वर्ष की सफलता

डिजिटल फसल सर्वेक्षण 2024-25 के दौरान जिले में रबी एवं खरीफ फसलों का सर्वेक्षण सफलतापूर्वक हुआ था। धमधा तहसील के ग्राम खिलोरा कलां के रितिक पटेल ने 2229 खसरे का सर्वे किया, जिसके लिए उन्हें ₹22,290 का भुगतान हुआ। वहीं ग्राम खैरझिटी के आदित्य कुमार वर्मा को 1645 खसरों के लिए ₹16,450 प्रदान किए गए।

रबी 2025 में धमधा तहसील के 61 ग्रामों में 68,687 खसरा सर्वेक्षण हेतु ₹6.86 लाख का बजट स्वीकृत किया गया था।


🧑‍🏫 प्रशिक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष ध्यान

चयनित सर्वेक्षणकर्ताओं को तहसील स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें सर्वेक्षण कार्य सौंपा जाएगा। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण कार्य की गुणवत्ता की सतत निगरानी की जाएगी, ताकि सटीक डेटा संग्रहण सुनिश्चित हो सके।


🔍 कृषि योजनाओं के डिजिटलीकरण में क्रांतिकारी कदम

डिजिटल फसल सर्वेक्षण से सरकार को यह जानकारी मिलेगी कि किस क्षेत्र में कौन-सी फसल बोई गई है, जिससे योजनाओं का सटीक लाभ वितरण और बीमा क्लेम जैसी प्रक्रियाएं आसान होंगी। यह कदम कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।


📌 मुख्य निर्देश

  • सर्वेक्षण कार्य में देरी ना हो, इसके लिए रोज़ाना आधार पर काम की समीक्षा की जाएगी।
  • राजस्व निरीक्षक को हर प्रविष्टि का 48 घंटे में सत्यापन करना होगा।
  • तहसीलदार/नायब तहसीलदार को भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।