दुर्ग, 11 जुलाई 2025:
प्राकृतिक आपदाओं जैसे आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, लू, अतिवृष्टि और शीत लहर से होने वाले नुकसान को कम करने और समय रहते सुरक्षित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए दुर्ग जिले में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction – DRR) के तहत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन केपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग और स्कूल सेफ्टी पॉलिसी के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आपदाओं के समय सामुदायिक और संस्थागत स्तर पर तत्परता बढ़ाना है।
🔹 प्रशिक्षण की प्रमुख विशेषताएं:
- जिले के हर विकासखंड में 25-25 शासकीय अधिकारी/कर्मचारी को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रत्येक ब्लॉक के 250-250 स्कूली बच्चे और शिक्षक, दो बैचों में स्कूल स्तर पर आयोजित वर्कशॉप के माध्यम से प्रशिक्षित किए जाएंगे।
- प्रशिक्षुओं को आपदा के समय त्वरित निर्णय लेने, प्राथमिक उपचार, बचाव उपाय और सामुदायिक सहायता जैसे विषयों की जानकारी दी जाएगी।
🏫 स्कूल सेफ्टी पर विशेष ध्यान:
कार्यक्रम का प्रमुख फोकस स्कूली बच्चों और शिक्षकों को आपदा के प्रति जागरूक और सक्षम बनाना है।
- बच्चों को सिखाया जाएगा कि आपदा के समय स्वयं की सुरक्षा कैसे करें,
- दूसरों को कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं,
- और सामुदायिक स्तर पर अलर्ट और रेस्क्यू प्रक्रिया में कैसे सहायता करें।
🗂️ प्रशिक्षण के लिए तैयार होंगे प्रारूप:
प्रत्येक विकासखंड में शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों और शिक्षकों-बच्चों की सूची तैयार की जाएगी, जिसे प्रारूप अ एवं प्रारूप ब में संकलित कर जिला कार्यालय को शीघ्र भेजा जाएगा।
🧾 प्रशिक्षण का उद्देश्य:
- प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नुकसान को न्यूनतम करना
- रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया से जुड़ी गतिविधियों को मजबूती देना
- स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन में भागीदारी और जागरूकता बढ़ाना
- नवाचार और स्थानीय संसाधनों के उपयोग के माध्यम से प्रभावशाली उपाय अपनाना
📢 जिला प्रशासन की पहल को सराहना:
यह कार्यक्रम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुरूप है और इसे जिले में प्रभावशाली रूप से लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों को संवेदनशील और जिम्मेदार बनाया जा रहा है।
