दंतेवाड़ा में ‘नव गुरुकुल’ बना युवाओं की डिजिटल उड़ान का माध्यम, कोडिंग और AI में मिल रहा प्रशिक्षण

दंतेवाड़ा, 11 जुलाई 2025छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिला अब कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है। यहां चल रहा जिला स्तरीय शिक्षा अभियान ‘नव गुरुकुल’ युवाओं को आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर रहा है।

दंतेवाड़ा के कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि नव गुरुकुल के तहत हर वर्ष 30 से 50 युवाओं को कोडिंग, AI, कंप्यूटर स्किल्स, रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य है कि युवाओं को बाजार योग्य कौशल सिखाकर उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक नौकरी दिलाई जा सके।

दो प्रमुख पाठ्यक्रम: कोडिंग और व्यवसायिक स्किल्स

नव गुरुकुल में दो प्रमुख कोर्स कराए जा रहे हैं—कोडिंग और व्यवसायिक शिक्षा

  • कोडिंग कोर्स में छात्र HTML, Java, CSS, Python जैसी भाषाएं सीखते हैं और वेबसाइट, ऐप और गेम डेवलपमेंट में प्रशिक्षित होते हैं।
  • व्यवसायिक कोर्स में छात्रों को स्टार्टअप, बिजनेस प्लानिंग और मार्केट स्किल्स सिखाई जाती हैं, जिससे वे नौकरी के साथ-साथ उद्यमिता की दिशा में भी बढ़ सकें।

छात्रों के लिए पूर्णतः निःशुल्क सुविधा

नव गुरुकुल में 150 सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से वर्तमान में 100 छात्र अध्ययनरत हैं। यहां 10वीं और 12वीं पास छात्र, साथ ही ग्रेजुएट या पॉलिटेक्निक डिग्रीधारी युवा भी शामिल हो सकते हैं। यह कोर्स पूर्णतः निःशुल्क है और छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है।

सफल प्लेसमेंट और प्रेरक कहानियाँ

पिछले साल 70 छात्रों को प्लेसमेंट मिला, जिनमें से कई ने तकनीकी कंपनियों में डेवलपर के रूप में नौकरी हासिल की।
दिव्या सोला नामक छात्रा ने बताया कि उसने 6 महीने में कोर्स पूरा कर जगदलपुर की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरी प्राप्त की। वहीं छात्र देबाशीष और गंगुन ने नव गुरुकुल को आत्मविश्वास और डिजिटल कौशल बढ़ाने वाला मंच बताया।

दंतेवाड़ा का तकनीकी रूपांतरण

कलेक्टर दुदावत के अनुसार, “नव गुरुकुल के जरिए हम ऐसे युवा तैयार कर रहे हैं जो बिना B.Tech डिग्री के भी प्रोफेशनल स्किल्स में दक्ष बनकर रोजगार की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

इस अभियान से यह स्पष्ट है कि दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ और संघर्षशील क्षेत्र के युवा अब डिजिटल युग में आत्मनिर्भर भारत की नींव बन रहे हैं।