रायपुर, 11 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के खरोरा क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां मोजो मशरूम फैक्ट्री और उमाश्री राइस मिल में बंधुआ मजदूरी कराए जाने का खुलासा हुआ है। इस मामले में 10 से 16 वर्ष की उम्र के लगभग 50 नाबालिग बच्चों समेत 100 से अधिक मजदूरों को श्रम विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में रेस्क्यू किया गया है।
जानकारी के अनुसार, इन मजदूरों को जबरन काम करवाया जा रहा था। उन्हें पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिला, और दिन में केवल दो बार – दोपहर 3 बजे और रात 2 बजे कच्चा खाना दिया जाता था। मजदूरों को फैक्ट्री के अंदर ही बंधक बनाकर रखा गया था।
इस मामले में फैक्ट्री संचालक नितेश तिवारी, विपिन तिवारी और विकास तिवारी पर बंधुआ मजदूरी और बाल श्रम कानूनों के उल्लंघन का आरोप है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें सुपरवाइजर और पैकेजिंग जैसे कामों के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में जबरन काम कराया जाने लगा और बाहर जाने तक नहीं दिया गया।
रेस्क्यू किए गए सभी मजदूरों और बच्चों को इनडोर स्टेडियम में सुरक्षित रखा गया है। प्रशासन द्वारा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और श्रम विभाग की सहायता से आगे की कार्यवाही की जा रही है।
छत्तीसगढ़ शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए बंधुआ मजदूरी पर सख्त कानून लागू करने की मांग की है।
