दुर्ग, 10 जुलाई 2025/
दुर्ग जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से खेतों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे धान की लेही विधि और सीधी बुवाई करने वाले किसानों की फसलों का अंकुरण प्रभावित होने की आशंका है। किसानों की सहायता हेतु जिला प्रशासन और बीज बचत समिति द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने की पहल की गई है।
जिले की विभिन्न समितियों और बीज प्रक्रिया केंद्रों पर नकद भुगतान के आधार पर बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि किसान समय पर पुनः बुवाई कर सकें और उनकी मेहनत व्यर्थ न जाए।
🧾 उपलब्ध बीजों का विवरण:
बीज बचत समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 1406.56 क्विंटल बीज विभिन्न केंद्रों में आज की स्थिति में उपलब्ध है:
🔹 धान के बीज – 423.30 क्विंटल:
एमटीयू-1153, एमटीयू-1010, विक्रम टीसीआर, सीजी धान-1919, महामाया, विष्णुभोग सलेक्शन-1, राजेश्वरी आदि।
🔹 अरहर – 41.48 क्विंटल:
जीआरजी-152, बीडीएन-716, सीजी अरहर-1, आईपीए-15-06।
🔹 उड़द – 41.92 क्विंटल:
इंद्र प्रथम, कोटा उड़द-4।
🔹 मूंग – 0.90 क्विंटल:
जीएएम-5।
🔹 रागी – 1.20 क्विंटल:
व्हीएल-376।
🧑🌾 किसानों के लिए राहत का उपाय:
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की किसान हितैषी नीति के अंतर्गत यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि जरूरतमंद किसानों को उनकी बुवाई के लिए समय पर और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति की जाए। इससे उन किसानों को राहत मिलेगी जिनकी फसलें अत्यधिक बारिश की वजह से प्रभावित हुई हैं।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी बीज वितरण केंद्र से संपर्क कर अपनी आवश्यकतानुसार बीज खरीदें और बुवाई कार्य को पुनः प्रारंभ करें।
