केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे पर उठाए गए सवाल पर केदार कश्यप का पलटवार

रायपुर, 9 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरों पर उठाए गए सवालों को “स्तरहीन और ओछी मानसिकता” का परिचायक बताया है। उन्होंने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री का छत्तीसगढ़ आना रणनीतिक और नक्सल उन्मूलन के उद्देश्य से है, न कि किसी राजनीतिक प्रचार के लिए।

“खड़गे को शाह की बस्तर यात्रा से क्यों है पेट दर्द?”

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि

“श्री अमित शाह नक्सलवाद के खात्मे और छत्तीसगढ़ को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बार-बार आते हैं। ऐसे में खड़गे का सवाल पूछना यह बताता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस की मानसिकता नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाली है।”

“नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है”

केदार कश्यप ने दावा किया कि

“केंद्रीय गृह मंत्री की मजबूत रणनीति के चलते छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है, और यही बात कांग्रेस को हजम नहीं हो रही।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेताओं की नक्सलियों के प्रति बयानबाजी से खड़गे की यह टिप्पणी ‘भाईचारे का निर्वहन’ जैसी प्रतीत होती है।

“मोदी-शाह फोबिया से ग्रसित है कांग्रेस”

उन्होंने आरोप लगाया कि

“कांग्रेस नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ऐसा फोबिया हो गया है कि वे हर वक्त स्तरहीन आलोचना कर अपनी नकारात्मक राजनीति को उजागर करते हैं।”

“शेर की दहाड़ से सियार भागते हैं”

केदार कश्यप ने कहा कि अमित शाह शेर की तरह निडर होकर देश के आंतरिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत कर रहे हैं।

“शेर की दहाड़ से सियार भाग जाते हैं, और कांग्रेस इसी भय में अनर्गल बयानबाजी कर रही है।”

राहुल गांधी पर भी किया कटाक्ष

केदार कश्यप ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बार-बार विदेश दौरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि

“क्या विदेशों में उनका ससुराल है? संसद का सत्र चले तो विदेश चले जाते हैं, देश में आंदोलन हो तो विदेश चले जाते हैं। वहाँ जाकर भी भारत और भारतीय संविधान को बदनाम करने के सिवा कुछ नहीं करते।”

मंत्री ने कहा कि अमित शाह छत्तीसगढ़ में बस्तर को अधिकार दिलाने, विकास लाने, और जनजीवन को सुरक्षित व समृद्ध करने के लिए आते हैं, जबकि कांग्रेस केवल राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर उनकी आलोचना करती है।