दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों और प्रशासन को नक्सल मोर्चे पर एक और बड़ी सफलता मिली है। बुधवार को कुल 12 माओवादी, जिनमें से 9 इनामी नक्सली हैं, ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों पर कुल 28 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इन सभी ने DIG कमलोचन कश्यप, CRPF DIG राकेश चौधरी और SP गौरव राय की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। समर्पित नक्सली कई गंभीर नक्सली गतिविधियों जैसे रोड खोदना, एंबुश लगाना, कैंप फायरिंग और बैनर-पोस्टर लगाने जैसे मामलों में सक्रिय रहे हैं।
लोन वर्राटू अभियान की बड़ी उपलब्धि
यह आत्मसमर्पण बस्तर संभाग में चल रहे ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) अभियान के तहत हुआ, जिसके तहत अब तक 1005 नक्सली हथियार छोड़ चुके हैं, जिनमें से 249 इनामी नक्सली हैं। प्रशासन इन माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत ₹50,000 की आर्थिक सहायता के साथ-साथ स्किल ट्रेनिंग, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों की सूची:
इनमें से प्रमुख नाम हैं:
- चद्रन्ना उर्फ बुरसू पुनेम (इनाम 8 लाख)
- अमित उर्फ हिंगा बारसा (इनाम 8 लाख)
- अरूणा लेकाम (इनाम 5 लाख)
- देवा कवासी (इनाम 3 लाख)
- राजेश मड़काम (इनाम 2 लाख)
अन्य आत्मसमर्पितों में भी कई स्थानीय स्तर पर सक्रिय सदस्य शामिल हैं, जो वर्षों से नक्सली गतिविधियों में शामिल थे।
प्रशासन का बयान:
पुलिस अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि यह आत्मसमर्पण बाकी नक्सलियों को भी मुख्यधारा से जुड़ने और हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा। आने वाले दिनों में इन सभी को पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
सरकार की रणनीति का असर
राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त रणनीति, जिसमें विकास कार्य, पुनर्वास नीति और सख्त कार्रवाई शामिल है, ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। ‘लोन वर्राटू’ अभियान को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक प्रभावी पहल माना जा रहा है।
