क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर 63 लाख की ठगी: भिलाई के डॉक्टर से दिव्यांग मास्टरमाइंड ने रची स्कीम

दुर्ग, 9 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ में एक हैरान कर देने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम साहिल कुमार और राकेश कुमार हैं।

पुलिस के अनुसार, यह ठगी फरवरी 2024 से अप्रैल 2024 के बीच हुई। पद्मनाभपुर निवासी डॉ. बसंत वर्मा (59 वर्ष) ने शिकायत की थी कि उन्हें व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग स्कीम में भारी मुनाफा दिलाने का लालच देकर ठग लिया गया।

जांच में सामने आया कि आरोपी साहिल कुमार के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) खाते में 14.10 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था, जबकि राकेश कुमार ने उसी में से 5 लाख रुपये अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे।

पुलिस टीम की विशेष कार्रवाई

एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर साइबर सेल, पद्मनाभपुर थाना और भिलाई-3 थाना की संयुक्त टीम गठित कर पंजाब के मानसा जिले के शार्दुलगढ़ थाना क्षेत्र में दबिश दी गई, जहां से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया

दिव्यांग आलू विक्रेता निकला मास्टरमाइंड

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड एक दिव्यांग आलू विक्रेता संदीप यादव निकला। पुलिस जांच में सामने आया कि संदीप यादव ने ही इस फर्जी स्कीम की योजना बनाई और डॉक्टर को क्रिप्टो में भारी मुनाफा का सपना दिखाकर ठगा। उसने ICICI, इंडसइंड, कोटक, DBS, यश बैंक समेत कई बैंकों का दुरुपयोग किया।

फिलहाल मुख्य आरोपी संदीप यादव फरार है और पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। उसे न्यायालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है।

इस मामले ने साइबर अपराध के नए और खतरनाक आयामों की ओर इशारा किया है, जहाँ सामान्य नागरिकों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से ठगा जा रहा है। पुलिस आम जनता से अपील कर रही है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली निवेश योजनाओं से सतर्क रहें और किसी भी अनजान स्कीम में पैसे न लगाएं।