नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025 – बुधवार को दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों (CTUs) द्वारा आहूत भारत बंद का देशभर में व्यापक असर देखा गया। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन बाधित हुआ, यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। यह बंद केंद्र सरकार की “श्रम विरोधी” नीतियों के विरोध में आयोजित किया गया और इसमें 17 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर विरोध जताया गया।
केरल में सबसे अधिक असर, जहां राज्य भर में लगभग सभी निजी और सार्वजनिक परिवहन सेवाएं ठप रहीं। रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर उतरे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिनमें कई परिवार छोटे बच्चों के साथ फंसे हुए थे।
हैदराबाद में मजदूर संगठनों की लाल झंडियों से पटी सड़कें
हैदराबाद की सड़कों पर बुधवार को मजदूर संगठनों के हजारों कार्यकर्ता लाल झंडियों के साथ उतर आए। CITU, TUCI, AIUTUC समेत कई संगठनों ने केंद्र सरकार की “श्रम विरोधी नीतियों” के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए बागलिंगमपल्ली से रैली निकाली। यह रैली चिक्कड़पल्ली के प्रमुख मार्गों से होते हुए इंदिरा पार्क तक पहुंची।
रैली में शामिल लोग दोपहिया वाहनों पर झंडे लगाकर चल रहे थे और सरकार से श्रम कानूनों के सख्त पालन और श्रमिक अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे थे।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही
चिक्कड़पल्ली एसीपी एल. रमेश ने बताया कि रैली पुलिस की अनुमति से शांतिपूर्वक संपन्न हुई। “गांधीनगर और चिक्कड़पल्ली थानों के अधिकारी रैली मार्ग पर तैनात रहे, और डोमलगुड़ा पुलिस ने आगे सुरक्षा व्यवस्था संभाली।”
बैंकिंग क्षेत्र भी हड़ताल में शामिल
7 जुलाई को बैंक कर्मचारियों के संगठन ने ऐलान किया था कि वे भी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। इसके चलते कई क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहीं।
हालांकि, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने दावा किया है कि करीब 213 यूनियनों, जिनमें आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ (BMS) भी शामिल है, ने इस हड़ताल में भाग न लेने की जानकारी दी है।
तेलंगाना के संगारेड्डी में भी प्रदर्शन
इधर, CITU के सदस्यों ने संगारेड्डी कलेक्टरेट ऑफिस के बाहर धरना दिया और श्रमिक हितों की अनदेखी के खिलाफ विरोध जताया।
