छत्तीसगढ़: राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में स्थित प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास बन रहे एक आश्रम से करीब 2 किलोग्राम गांजा और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने के बाद पुलिस ने खुद को योग गुरु बताने वाले बाबा कांती अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें आश्रम परिसर में संदिग्ध गतिविधियों और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।
राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि मंगलवार, 24 जून को डोंगरगढ़ थाने की पुलिस टीम ने छापा मारा और गांजा के साथ-साथ अन्य आपत्तिजनक सामग्री को जब्त किया।
बाबा कांती अग्रवाल का रहस्यमयी इतिहास
पुलिस के अनुसार, कांती अग्रवाल ने लगभग 20 साल पहले डोंगरगढ़ छोड़ दिया था और पिछले एक दशक से गोवा में योग आश्रम चला रहा था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह कई कंपनियों और एनजीओ में डायरेक्टर के रूप में कार्यरत है। पुलिस अब इन संगठनों की वित्तीय स्रोतों और गतिविधियों की जांच कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की भी जांच
पुलिस पूछताछ में बाबा ने दावा किया कि वह 100 से अधिक देशों की यात्रा कर चुका है और गोवा में विदेशी नागरिकों को योग सिखाता रहा है। अब पुलिस उसकी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और एनजीओ गतिविधियों की गहन जांच कर रही है।
संपत्तियों की जांच और कुर्की की संभावना
एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि फिलहाल पुलिस उसकी अन्य संपत्तियों की भी जांच कर रही है, जो उसके नाम पर हैं, सिवाय निर्माणाधीन आश्रम के। यदि किसी आपराधिक गतिविधि से संबंध सामने आता है, तो इन संपत्तियों को कुर्क (अटैच) करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज
डोंगरगढ़ थाने में बाबा कांती अग्रवाल के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
बाबा कांती अग्रवाल की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक और योग के नाम पर चलने वाले कई संगठन असल में क्या कर रहे हैं? पुलिस अब इस मामले को एक व्यापक आर्थिक और आपराधिक जांच के रूप में देख रही है।
