रायपुर, 8 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीतिक दिशा और संगठनात्मक मजबूती को लेकर सोमवार को राजधानी रायपुर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की, जबकि उनके साथ के.सी. वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, और पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बैठक राजीव भवन में आयोजित की गई, जहां खरगे ने प्रदेश कांग्रेस की पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी और एक्सटेंडेड कमेटी की बैठक ली। इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने रायपुर में एक जनसभा को संबोधित किया और फिर सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे। बैठक के बाद दोनों वरिष्ठ नेता देर शाम दिल्ली रवाना हो गए।
बैठक के प्रमुख मुद्दे
🔹 राजनीतिक उत्पीड़न और एकजुटता का आह्वान
मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि बीजेपी सरकार जानबूझकर कांग्रेस नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है, ताकि संगठन को कमजोर किया जा सके। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को डरने की बजाय एकजुट होकर विरोध करने और जनता के बीच सरकार की असलियत उजागर करने की अपील की।
🔹 राज्य में जल-जंगल-जमीन की लूट का आरोप
बैठक में बस्तर, सहदेव अरण्य और तनमार क्षेत्र में बीजेपी सरकार द्वारा वन और खनिज संपदा की लूट का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार इन संसाधनों को चुनिंदा उद्योगपतियों को सौंप रही है, जो जनविरोधी नीति है।
🔹 किसानों की समस्याएं और शिक्षा में कटौती
बैठक में छत्तीसगढ़ में कृषि संकट, खाद की कमी, और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार की वादाखिलाफी की भी आलोचना हुई। इसके साथ ही 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने के निर्णय की निंदा की गई, जबकि दूसरी ओर 67 नई शराब दुकानों के खुलने को लेकर सरकार पर शिक्षा विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया गया।
संगठनात्मक पुनर्गठन पर जोर
बैठक में कांग्रेस संगठन की मजबूती के लिए जिलों और ब्लॉकों के पुनर्गठन की चर्चा हुई। नेताओं ने सुझाव दिया कि जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्रफल को देखते हुए कुछ जिलों और ब्लॉकों का पुनर्गठन कर नए इकाईयों का निर्माण किया जाए, जिससे पार्टी का विस्तार और कामकाज अधिक प्रभावी हो सके।
खरगे का निर्देश: जनहित के मुद्दों को उठाएं
बैठक के समापन पर मल्लिकार्जुन खरगे ने नेताओं से कहा कि वे जनता के मुद्दों को प्रभावशाली तरीके से उठाएं, संगठन को मजबूत करें, और आने वाले चुनावों के लिए रणनीतिक तैयारी में कोई कमी न छोड़ें।
निष्कर्ष
यह बैठक छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए एक रणनीतिक दिशा निर्धारण का संकेत है। विपक्ष में रहते हुए पार्टी जनता के मुद्दों और भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने की योजना पर काम कर रही है। साथ ही संगठनात्मक स्तर पर भी नई ऊर्जा और संरचना लाने के प्रयासों को गति दी जा रही है।
