नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा BRICS देशों को “अमेरिका-विरोधी नीतियों” के समर्थन का आरोप लगाते हुए 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट कहा कि टैरिफ के जरिए राजनीतिक दबाव बनाना अस्वीकार्य है और ऐसे कदम वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“टैरिफ युद्ध का कोई विजेता नहीं होता, संरक्षणवाद से किसी देश को लाभ नहीं मिलता। BRICS सहयोग का मंच है, किसी के खिलाफ गठबंधन नहीं।”
ट्रंप की धमकी: “कोई अपवाद नहीं होगा”
ट्रंप ने सोमवार को Truth Social पर पोस्ट किया:
“जो भी देश BRICS की अमेरिका-विरोधी नीतियों के साथ खड़ा होगा, उस पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें कोई अपवाद नहीं होगा। कृपया ध्यान दें!”
ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि सोमवार रात से विभिन्न देशों को औपचारिक टैरिफ पत्र भेजे जाएंगे, जिनमें संशोधित व्यापार शर्तें शामिल होंगी।
“मैं यह घोषणा करते हुए प्रसन्न हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका के टैरिफ पत्र सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12 बजे (ईस्टर्न समय) से जारी किए जाएंगे।” — डोनाल्ड जे. ट्रंप
BRICS का जवाब: हम टकराव नहीं, सहयोग चाहते हैं
BRICS 2025 शिखर सम्मेलन हाल ही में ब्राज़ील में आयोजित हुआ था, जहां ब्राज़ील, चीन, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इंडोनेशिया, ईरान, इथियोपिया और यूएई ने हिस्सा लिया।
सदस्य देशों ने एक संयुक्त घोषणा में ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर अमेरिका-इज़राइल के हवाई हमलों की कड़ी निंदा की और इसे “अवैध” करार दिया। साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की अपील की।
घोषणा में कहा गया:
“टैरिफ में मनमाने ढंग से की जा रही वृद्धि से वैश्विक व्यापार और आपूर्ति शृंखलाएं खतरे में पड़ सकती हैं।”
गाजा युद्ध और आतंकवाद पर भी चर्चा
सम्मेलन में गाजा युद्ध को लेकर चिंता जताई गई और कहा गया कि एकतरफा सैन्य कार्रवाई की बजाय शांतिपूर्ण समाधान तलाशे जाने चाहिए।
साथ ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए सीमापार आतंकवाद और फंडिंग नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की गई।
अमेरिका की नई व्यापार नीति की उलटी गिनती शुरू
ट्रंप सरकार ने 2 अप्रैल 2025 को सभी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके बाद राजनयिक तनाव उत्पन्न हो गया था। इस पर 90 दिनों की अस्थायी छूट दी गई थी, जिसे अब 9 जुलाई तक बढ़ाया गया है।
अब ट्रंप की नई धमकी से वैश्विक व्यापार प्रणाली एक बार फिर तनाव में आ गई है।
निष्कर्ष:
ट्रंप के टैरिफ संबंधी बयानों और BRICS की निंदा के बाद चीन और अन्य सदस्य देशों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे किसी दबाव में नहीं झुकेंगे। BRICS की ओर से संप्रभुता, सहयोग और वैश्विक न्याय के सिद्धांतों की पुनः पुष्टि की गई है। आने वाले दिनों में यह टकराव वैश्विक व्यापार, कूटनीति और दक्षिण बनाम पश्चिम के समीकरणों को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
