रायपुर, 7 जुलाई 2025:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा करवाई जा रही विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के जरिए दो करोड़ मतदाताओं के नाम हटाकर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने की साजिश रची जा रही है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ‘जय जवान-जय किसान-जय संविधान’ रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा,
“यह मोदी सरकार सबको बर्बाद करने पर तुली है। वोटर लिस्ट में धोखा शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र में यह हुआ और अब बिहार में दो करोड़ वोट हटाए जा रहे हैं। अगर आप लोगों को बाहर करके चुनाव जीतना चाहते हैं, तो एक दिन पछताओगे। जो गलत आप आज कर रहे हैं, उसका फल भुगतना पड़ेगा।”
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
कांग्रेस और 9 अन्य विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जहां यह मामला अब संवैधानिक समीक्षा के घेरे में आ चुका है। कांग्रेस इसे “लोकतंत्र पर सीधा हमला” बता रही है।
कांग्रेस के अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया:
के.सी. वेणुगोपाल (कांग्रेस महासचिव) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा:
“बिहार की वोटर लिस्ट का यह विशेष पुनरीक्षण पूरी तरह असंवैधानिक और व्यापक स्तर पर धांधली है। इससे लाखों-करोड़ों मतदाताओं में डर है कि कहीं उनका मताधिकार न छीन लिया जाए। यह साजिश चुनाव आयोग के जरिए, सत्तारूढ़ दल के निर्देश पर चल रही है।”
रणदीप सुरजेवाला (राज्यसभा सांसद) ने कहा कि जनवरी 2025 में बिहार की वोटर लिस्ट अपडेट की गई थी और जून में उस डेटा को “मजबूत और सत्यापित” बताया गया।
“फिर अचानक उसे खारिज कर दिया गया। इसे वोटर लिस्ट की सफाई नहीं, बल्कि जनता के मताधिकार की लूट कहा जाएगा,” उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा।
सुरजेवाला ने आगे आरोप लगाया कि
“’Special Intensive Revision’ नाम की इस प्रक्रिया का कोई कानूनी आधार नहीं है। न ही यह चुनावी कानून में कहीं दर्ज है। यह एक फर्जी प्रक्रिया है।”
‘जल, जंगल, जमीन’ की लड़ाई
रैली में खड़गे ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनता के अधिकारों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि भाजपा सरकार ‘जल, जंगल और ज़मीन’ पर हमला कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि
“अदानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को जंगलों की जमीन दी जा रही है, लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं, और आदिवासी भाइयों की ज़िंदगी बर्बाद की जा रही है। मोदी जी देश की पूंजी को कुछ गिने-चुने लोगों के हाथों सौंप रहे हैं।”
निष्कर्ष:
कांग्रेस का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची की अचानक और अवैध पुनरीक्षण प्रक्रिया से लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट के सामने है और राजनीतिक रूप से इसका असर आगामी चुनावों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। विपक्ष इसे सत्ता पक्ष की रणनीति बता रहा है जबकि भाजपा ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
