नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025:
देश में मेडिकल शिक्षा को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें CBI ने 36 लोगों को नामजद करते हुए सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इन आरोपियों में देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी नियामक संस्था UGC के पूर्व चेयरमैन डी.पी. सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) निरीक्षण टीम के सदस्य, मेडिकल कॉलेजों के निदेशक, संत, और यहां तक कि भाजपा नेता की बेटी तक शामिल हैं।
CBI की जांच रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों को फर्जी तरीके से मान्यता दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की घूस ली गई। फर्जी दस्तावेज़, नकली फैकल्टी और राजनीतिक सिफारिशों के माध्यम से सिस्टम को बुरी तरह से भ्रष्ट किया गया।
मुख्य आरोपी और प्रोफाइल:
- डी.पी. सिंह – पूर्व UGC चेयरमैन
- डॉ. जीतू लाल मीना – संयुक्त निदेशक, नेशनल हेल्थ अथॉरिटी
- रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार) – मेडिकल कॉलेज चेयरमैन
- डॉ. शिवानी अग्रवाल – NCR मेडिकल कॉलेज, मेरठ की निदेशक व भाजपा नेता डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी
- वेंकट, सुरेश सिंह भदौरिया, मयूर रावल, जोसेफ कोमारेड्डी, स्वामी भक्तवत्सलदास – विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्रमुख
- अशोक शेल्के, पी. रजनी रेड्डी, सतीश ए. – एनएमसी निरीक्षण टीम सदस्य
- प्रदीप अग्रवाल, इंद्रबली मिश्र उर्फ ‘गुरुजी’ – दलाली नेटवर्क के सरगना
CBI की चार्जशीट के अनुसार, घोटाले से अर्जित पैसे का उपयोग राजस्थान में भव्य मंदिर बनाने में भी किया गया, जिससे यह साबित होता है कि धर्म की आड़ में भ्रष्टाचार का “शुद्धिकरण” किया गया।
इसके अतिरिक्त, CBI ने दावा किया है कि कुछ आरोपी भागने की फिराक में थे, जिनमें से एक अहम आरोपी को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर परिवार समेत पकड़ लिया गया, जो कनाडा भागने की कोशिश कर रहा था।
CBI ने कई महीनों से चुपचाप इस नेटवर्क की निगरानी की और अब एक-एक कर कार्रवाई शुरू की है।
राजनीतिक एंगल भी गहराया
CBI के इस खुलासे से सियासत भी गरमा गई है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कुछ मेडिकल माफिया कांग्रेस के बाद अब भाजपा में शामिल होकर मेडिकल शिक्षा को व्यवसाय बनाने की कोशिश में थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की “बाज़ नजर” से कुछ भी नहीं छिपा।
यह भी याद दिलाया जा रहा है कि कांग्रेस शासनकाल में भी केतन देसाई जैसे मेडिकल माफिया मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे, जिन्हें 10 करोड़ की रिश्वत लेकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता देने के आरोप में बाद में गिरफ्तार किया गया था।
इस घोटाले में अब तक:
- 36 आरोपी नामजद
- CBI की सख्त कार्रवाई
- कई गिरफ्तार, कुछ फरार
- करोड़ों की रिश्वत, फर्जी दस्तावेज़
- मंदिर निर्माण तक में घोटाले के पैसे का इस्तेमाल
देश की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था पर यह सबसे बड़ा सवालिया निशान है और आने वाले समय में यह घोटाला और भी बड़े खुलासों की दिशा में बढ़ सकता है।
