नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025 — भारत ने सामाजिक समानता और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब विश्व का चौथा सबसे अधिक समान (equal) देश बन गया है, जिसका गिनी सूचकांक (Gini Index) 2022-23 में सिर्फ 25.5 दर्ज किया गया है। यह सूचकांक यह बताता है कि किसी देश में आय या खपत कितनी समान रूप से वितरित है।
🔹 चरम गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चरम गरीबी (extreme poverty) में भी अभूतपूर्व कमी आई है। जहां 2011-12 में 16.2% लोग रोज़ाना 2.15 डॉलर से कम पर जीवन यापन करते थे, वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर महज़ 2.3% रह गया। यह दर्शाता है कि पिछले एक दशक में करीब 17.1 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया।
🔹 गिनी इंडेक्स में बड़ी छलांग
- 2011 में गिनी इंडेक्स था – 28.8
- 2022-23 में गिनी इंडेक्स घटकर – 25.5
यह दर्शाता है कि भारत ने आय समानता में निरंतर प्रगति की है।
गिनी इंडेक्स में 0 का मतलब है पूर्ण समानता और 100 का अर्थ है पूर्ण असमानता।
भारत अब गिनी इंडेक्स के अनुसार स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे समान देश है।
भारत की रैंकिंग चीन (35.7), अमेरिका (41.8) और ब्रिटेन जैसे देशों से बेहतर है।
🔹 इन योजनाओं ने बदली तस्वीर
सरकार ने इस उपलब्धि का श्रेय बीते दशक में लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को दिया है, जिनमें शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
- आयुष्मान भारत योजना
- स्टैंड-अप इंडिया योजना
- पीएम विश्वकर्मा योजना
इन योजनाओं ने आर्थिक सुधार के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की है। अब बैंकों तक पहुंच, स्वास्थ्य सुविधाएं, रोज़गार, और स्वरोजगार का अवसर अधिक परिवारों को प्राप्त हो रहा है।
🔹 वैश्विक तुलना में भारत
विश्व बैंक की रिपोर्ट में शामिल 167 देशों में से सिर्फ 30 देश “moderately low inequality” (25 से 30 गिनी स्कोर) श्रेणी में आते हैं, जिनमें भारत भी शामिल है।
इस सूची में नॉर्वे, फिनलैंड, आइसलैंड, जैसे यूरोपीय देशों के अलावा यूएई और पोलैंड जैसे देश भी हैं।
भारत अब “low inequality” (25 से नीचे) समूह में आने के करीब है।
🔚 निष्कर्ष
सरकार ने कहा,
“गिनी इंडेक्स का 25.5 पर पहुंचना केवल एक आंकड़ा नहीं है, यह करोड़ों लोगों के जीवन में आया वास्तविक बदलाव दर्शाता है। भारत ने यह दिखा दिया है कि आर्थिक विकास और सामाजिक समानता एक साथ संभव हैं।”
भारत की यह यात्रा दर्शाती है कि नीतियों में समावेशी दृष्टिकोण और लक्ष्य आधारित योजनाएं कैसे व्यापक सामाजिक परिवर्तन ला सकती हैं।
