मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा – पंचायती राज ग्रामीण विकास की रीढ़, ‘विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ के लिए डिजिटल अधोसंरचना को बताया मुख्य आधार

रायपुर, 5 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शनिवार को कहा कि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं, और नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों के बेहतर निर्वहन के लिए उन्हें प्रशिक्षित करना आवश्यक है। रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने यह बात कही।


🔹 पंचायती राज: लोकतंत्र की बुनियाद

मुख्यमंत्री ने कहा,

“छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के लिए यह प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ किया गया है। पंचायती राज व्यवस्था हमारे ग्रामीण विकास की रीढ़ है। हमारे जिला स्तर के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों पर बड़ी जिम्मेदारी होती है, इसलिए यह कार्यशाला उनके लिए आयोजित की गई है ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर ढंग से कर सकें।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह प्रशिक्षण पंचायत प्रतिनिधियों को योजनाओं के कार्यान्वयन, प्रशासनिक प्रबंधन, वित्तीय अनुशासन और जनसंवाद के क्षेत्र में दक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


🔹 मीडिया की भूमिका और विधायकों की मेहनत

इसी दिन आयोजित एक अन्य कार्यशाला ‘संसदीय रिपोर्टिंग कैसे करें’ में मुख्यमंत्री ने मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा:

“हमारे कई विधायक नवनिर्वाचित हैं, लेकिन वे बड़ी मेहनत से काम कर रहे हैं, विधानसभा में उपस्थित होकर अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाते हैं। मीडिया इनकी बातों को जनमानस के सामने सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करती है, जो लोकतंत्र को मजबूत बनाती है।”

उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि ईमानदार रिपोर्टिंग से जनप्रतिनिधियों का मनोबल बढ़ता है।


🔹 ‘विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ की डिजिटल आधारशिला

मुख्यमंत्री साय ने कुछ दिन पूर्व गुरुवार को ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग’ की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य को डिजिटल दिशा में आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

उन्होंने कहा:

‘विकसित भारत 2047’ की तर्ज पर हम ‘विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी को एक मजबूत स्तंभ के रूप में विकसित किया जाएगा।”

उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि:

  • बस्तर, सरगुजा और दूरस्थ अंचलों में मोबाइल टावर और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क की स्थापना शीघ्र पूरी की जाए।
  • राज्यभर में डिजिटल अधोसंरचना को सुदृढ़ कर ई-गवर्नेंस को पारदर्शी और सुलभ बनाया जाए।
  • साइबर सुरक्षा, डिजिटल शिक्षा, और ई-हेल्थ के क्षेत्र में ठोस कार्य योजना बनाई जाए।

🔹 निष्कर्ष

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह त्रिस्तरीय दृष्टिकोण — पंचायत सशक्तिकरण, मीडिया सशक्तिकरण और डिजिटल अधोसंरचना के माध्यम से छत्तीसगढ़ को भविष्य की जरूरतों के अनुकूल बनाना — राज्य के समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। जहां एक ओर ग्रामीण स्तर पर जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल भारत की सोच को ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है।