छत्तीसगढ़ के एनआरसी केंद्रों से 1953 बच्चों को मिला नया जीवन, बेमेतरा बना कुपोषण मुक्ति की दिशा में रोल मॉडल

बेमेतरा, 5 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) एक सशक्त सामाजिक परिवर्तन की पहल के रूप में सामने आया है। खासकर बेमेतरा जिले में एनआरसी की सक्रियता और प्रभाव ने अब तक 1953 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।


🔹 क्या है एनआरसी?

एनआरसी (Nutrition Rehabilitation Centre) एक विशेष केंद्र है जहां 1 माह से 5 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को 15 दिन तक विशेष पोषण, चिकित्सा देखभाल और मांओं को जागरूकता प्रदान की जाती है। बेमेतरा जिला अस्पताल के एमसीएच बिल्डिंग में संचालित इस केंद्र में बच्चों को न सिर्फ चिकित्सा सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें पोषणयुक्त आहार और मां को भोजन के साथ आर्थिक सहायता भी दी जाती है।


🔹 क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?

एनआरसी में बच्चों को दिया जाता है:

  • थेराप्यूटिक फूड – एफ75, एफ100 फॉर्मूला दूध
  • स्थानीय पौष्टिक आहार – दलिया, खिचड़ी, हलवा, इडली आदि
  • मां के लिए दो समय का भोजन
  • 15 दिन के बाद 2,250 रुपये की आर्थिक सहायता

इसके साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण, वजन वृद्धि पर नजर, माता को पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है।


🔹 भर्ती की प्रक्रिया

बच्चों को एनआरसी में लाने की प्रक्रिया बेहद सरल और सहज है:

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम या चिरायु टीम की सिफारिश पर
  • पालकों की स्वयं की पहल पर भी सीधा भर्ती संभव
  • भर्ती के दौरान किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता

🔹 कुपोषण मुक्ति की दिशा में मील का पत्थर

छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल कुपोषण के विरुद्ध एक स्थायी समाधान के रूप में देखी जा रही है। जहां पहले बच्चों में कुपोषण को नजरअंदाज कर दिया जाता था, अब वहीं आज के परिदृश्य में बेमेतरा जैसे जिले मॉडल के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं।

एनआरसी न सिर्फ बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत कर रहा है, बल्कि यह माताओं और परिवारों को पोषण के प्रति जागरूक भी कर रहा है।


🔹 स्वास्थ्य मंत्री का दृष्टिकोण

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है:

“एनआरसी जैसे संस्थान, सामाजिक स्वास्थ्य सुधार के लिए बेहद आवश्यक हैं। बच्चों को कुपोषण से मुक्त करना हमारी प्राथमिकता है और इसमें विभाग की टीम ने अद्भुत समर्पण दिखाया है। यह पहल आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में बेहद मददगार साबित होगी।”


📌 निष्कर्ष

बेमेतरा जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) सिर्फ एक चिकित्सा सुविधा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान बन चुका है। यह केंद्र बच्चों के भविष्य को नया जीवन देने के साथ-साथ समाज में पोषण के महत्व को स्थापित कर रहा है।