रायपुर, 5 जुलाई 2025 — प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दुबई से छत्तीसगढ़ तक फैले सोने की तस्करी रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो तस्करों – सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवले – की कुल 3.76 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर दी हैं। इनमें फ्लैट, ज़मीन और बैंक जमा शामिल हैं। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के अंतर्गत दर्ज किया गया है।
260 करोड़ रुपये से अधिक का सोना और चांदी बेचा गया
ED की जांच में सामने आया है कि यह तस्करी नेटवर्क रायपुर और आसपास के जिलों में करीब ₹260.97 करोड़ का तस्करी का सोना और चांदी बेच चुका है। अब तक इस केस में ₹64.14 करोड़ की संपत्तियां ज़ब्त की जा चुकी हैं।
जांच में शामिल ज्वेलर्स
इस रैकेट में कई नामी ज्वेलरी दुकानों के नाम सामने आए हैं, जिन पर अवैध सोना और चांदी खरीदने के आरोप हैं:
- सहेली ज्वेलर्स
- नवकार ज्वेलर्स
- सुमित ज्वेलर्स
- सागर ज्वेलर्स
- धीरज बैद
इन सभी पर तस्करों से अवैध रूप से सोना-चांदी खरीदने का संदेह है।
कैसे सामने आया मामला
यह मामला अप्रैल 2021 में तब उजागर हुआ जब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने कोलकाता एयरपोर्ट पर दो तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके कमर के बेल्ट में विदेशी सोना छिपाकर लाया गया था। पूछताछ में पता चला कि यह सोना राजनांदगांव के मोहनी ज्वेलर्स के लिए भेजा जा रहा था।
DRI की छापेमारी से खुली परतें
1 मई 2021 को DRI ने नंदई, राजनांदगांव में जसराज शांतिलाल बैद के घर छापा मारा। पूछताछ में एक बड़ा नेटवर्क सामने आया, जिसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की निकला, जो दुबई से पूरे ऑपरेशन को चला रहा था।
सोने की तस्करी का रास्ता
जांच में जो रूट सामने आया वह है:
- दुबई से म्यांमार या बांग्लादेश
- वहां से पूर्वोत्तर भारत के रास्ते देश में प्रवेश
- ट्रेनों, फ्लाइट और सड़कों से राजनांदगांव पहुंचाना
- फिर वहां से रायपुर, दुर्ग, नागपुर और मुंबई के ज्वेलर्स तक आपूर्ति
सचिन केदार की भूमिका
सचिन केदार ने कोलकाता से विभिन्न शहरों तक सोना पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
छत्तीसगढ़ बना तस्करी का कॉरिडोर
DRI के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 वर्षों में छत्तीसगढ़ में ₹50 करोड़ से अधिक का तस्करी किया गया सोना और चांदी ज़ब्त किया गया है। राज्य अब महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए सप्लाई हब के रूप में काम कर रहा है।
रायपुर में DRI का ज़ोनल कार्यालय खुलने के बाद अब तक 25 से अधिक तस्करों को पकड़ा गया है।
ED और DRI की जांच अब भी जारी है और अन्य ज्वेलर्स व तस्करों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
