शिमला, 4 जुलाई 2025:
हिमाचल प्रदेश में भारी मानसूनी बारिश के चलते बादल फटना, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं कहर बरपा रही हैं। अब तक 69 लोगों की मौत, 37 लापता और 110 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
राज्य के सभी जिलों में 7 जुलाई तक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसून की शुरुआत से अब तक 14 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे सड़कों, पेयजल परियोजनाओं और बिजली आपूर्ति को गंभीर नुकसान हुआ है।
सरकार देगी ₹5,000 किराए की सहायता
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और प्रत्येक परिवार को ₹5,000 की सहायता राशि किराए के लिए दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य मंडी जिले में सबसे अधिक केंद्रित है, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। मंडी में अकेले 40 से अधिक लोग लापता हैं।
केंद्र सरकार से मदद का भरोसा
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुक्खू से बात कर एनडीआरएफ की तैनाती और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। शाह ने बताया कि उन्होंने गुजरात, हिमाचल, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से बात की है और केंद्र सरकार पूरी मदद देगी।
विनाश की तस्वीरें
भीषण बारिश ने पूरे राज्य में कहर ढाया है। मंडी, कांगड़ा, चंबा, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर, सोलन, ऊना, किन्नौर, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों से जानमाल के भारी नुकसान की खबरें हैं।
- 14 पुल बह गए हैं
- 500 से अधिक सड़कें बंद
- 500 ट्रांसफॉर्मर ठप
- 300 से अधिक मवेशियों की मौत, जिनमें 164 गायें शामिल हैं
- सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं
सोशल मीडिया पर कई भयावह वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें नदियां मटमैले सैलाब में तब्दील होती दिख रही हैं और मकान बहते हुए नजर आ रहे हैं।
शिमला के ढली क्षेत्र में हुए भूस्खलन का वीडियो दूरदर्शन न्यूज़ हिमाचल द्वारा साझा किया गया, जिसमें चट्टानों और कीचड़ का सैलाब सड़क को पार करता दिखा। वीडियो में रिकॉर्डिंग करने वाला व्यक्ति लोगों को जान बचाने के लिए भागने की चेतावनी देता सुनाई दे रहा है।
स्थिति भयावह और मानवीय संकट की ओर बढ़ती दिख रही है, क्योंकि हजारों लोग बिजली और पानी के बिना जीवन यापन कर रहे हैं।
