दिल्ली में ईंधन प्रतिबंध नीति बनी परेशानी, करोड़ों की गाड़ियाँ बेची गईं औने-पौने दामों पर

नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025:
दिल्ली सरकार द्वारा पुरानी गाड़ियों (End-of-Life Vehicles) पर लगाए गए ईंधन प्रतिबंध को हटाने की कवायद अब काफी देर से शुरू हुई है। इस नीति की वजह से कई वाहन मालिकों को अपनी महंगी गाड़ियां नाममात्र कीमत पर बेचनी पड़ी, जिनमें एक मामला नितिन गोयल का है, जिन्होंने अपनी 2013 Jaguar Land Rover ₹65 लाख में खरीदी थी, लेकिन उसे Himachal Pradesh के एक व्यक्ति को केवल ₹8 लाख में बेचना पड़ा।

नितिन गोयल को अपनी दूसरी गाड़ी, Mercedes C Class 220 CDI Sports Limited Edition (₹40 लाख) भी मात्र ₹4 लाख में बेचनी पड़ी। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि BS-IV मानक वाली गाड़ियाँ 2020 तक बेची जा सकती थीं, तो 2013 में बनी वैसी ही गाड़ियाँ अचानक अनुपयुक्त कैसे हो गईं?

ईंधन बिक्री पर प्रतिबंध का फैसला 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने लिया था, जिसमें 10 साल पुरानी डीज़ल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को दिल्ली-NCR में चलाने पर रोक लगाई गई थी। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा।

हाल ही में दिल्ली सरकार ने इस नियम के तहत 1 जुलाई से इन गाड़ियों में ईंधन भरवाने पर रोक लगा दी थी। लेकिन जनता के भारी विरोध और तकनीकी चुनौतियों के चलते केवल दो दिन बाद ही दिल्ली सरकार ने इस प्रतिबंध को स्थगित करने की सिफारिश CAQM (Commission for Air Quality Management) से कर दी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा, “इस आदेश को लागू करना मौजूदा समय में संभव नहीं है। यह समय से पहले और जनविरोधी कदम साबित हो सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार जनता के साथ खड़ी है और हरसंभव समाधान की दिशा में कार्य करेगी।

जब्त वाहनों की वापसी की प्रक्रिया:
1 जुलाई के बाद, 12 से अधिक चार पहिया और 60 से अधिक दोपहिया वाहन जब्त किए गए।
जब्त वाहनों को छुड़ाने के लिए मालिकों को इन तीन शर्तों को पूरा करना होगा:

  • एक शपथपत्र देना होगा कि वाहन दिल्ली से बाहर ले जाया जाएगा।
  • ₹10,000 का चालान भरना होगा।
  • वाहन जब्ती में हुए परिवहन विभाग के खर्चों की भरपाई करनी होगी।

अब सरकार द्वारा प्रतिबंध पर पुनर्विचार किया जा रहा है, लेकिन कई लोगों के लिए यह प्रयास बहुत देर से आया राहत का संदेश बनकर रह गया है।