वनवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद छत्तीसगढ़ वन विभाग ने CFRR संबंधी परामर्श को वापस लिया

रायपुर, 04 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) से जुड़े कार्यों पर अन्य विभागों, NGO और निजी संगठनों की भूमिका पर रोक लगाने वाली वन विभाग की सलाह को भारी विरोध के बाद वापस ले लिया गया है। यह निर्णय राज्य के वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर लिया गया।

वन विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह परामर्श केवल विभागीय अधिकारियों के लिए था, जिसका उद्देश्य मॉडल CFR प्रबंधन योजना और दिशा-निर्देशों की अनुपस्थिति में स्थानीय स्तर पर असंगत कार्यप्रणालियों को रोकना था। विभाग ने स्पष्ट किया कि इस सलाह का उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और विभागों के बीच टकराव की स्थिति से बचना था।

विभाग ने अब केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) को पत्र लिखकर मॉडल CFR प्रबंधन योजनाएं, दिशा-निर्देश और प्रशिक्षकों हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी करने का अनुरोध किया है।

छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख वन बल प्रमुख (PCCF & HoFF) वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि राज्य में अब तक 4,78,641 व्यक्तिगत वन अधिकार और 4,349 CFRR (20,06,224 हेक्टेयर) प्रदान किए गए हैं। इससे छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है जो सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता में आगे हैं।

वन विभाग का कहना है कि बिना किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के CFR प्रबंधन योजनाओं का क्रियान्वयन वनों की पारिस्थितिकीय अखंडता को नुकसान पहुँचा सकता था और ग्राम सभाओं, NGO तथा विभागों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। इसलिए यह परामर्श केवल एक अंतरिम सुरक्षा उपाय था।