रायपुर, 3 जुलाई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि किसी भी राज्य और देश के विकास के लिए राजस्व आय अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से संबंधित धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री साय मंत्रालय के महानदी भवन में वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे छत्तीसगढ़ देश में जीएसटी राजस्व में वार्षिक वृद्धि के मामले में शीर्ष राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को कर चोरी रोकने के लिए सघन कार्रवाई करने और बकाया कर की शीघ्र वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी करदाताओं को ईमानदारी से कर का भुगतान करना चाहिए, क्योंकि सार्वजनिक राजस्व से ही राज्य और देश का विकास संभव है।
उन्होंने चेतावनी दी कि फर्जी बिलिंग, दोहरी बहीखाता प्रणाली या गलत टैक्स दरों का दुरुपयोग कर लाभ कमाने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ को जीएसटी और वैट से कुल 23,448 करोड़ रुपये की कर आय हुई है, जो राज्य के कुल कर संग्रहण का लगभग 38 प्रतिशत है।
राज्य के वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने विभागीय प्रगति की विस्तृत जानकारी दी, वहीं मुख्यमंत्री साय ने विभाग की विभिन्न सुधार पहलों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया के समय को 13 दिन से घटाकर मात्र 2 दिन करने के प्रयासों की विशेष सराहना की, जिससे व्यापार करने में आसानी बढ़ी है।
उन्होंने हाल ही में की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्यित निरीक्षण, प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी और सक्रिय वसूली अभियान के चलते जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।
गौरतलब है कि अब राज्य के सभी 33 जिलों में जीएसटी कार्यालय स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे पारदर्शिता और करदाताओं को समय पर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिली है।
