नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संकेत दिया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह समझौता कम टैरिफ पर आधारित होगा, जिससे दोनों देशों को प्रतिस्पर्धा का समान अवसर मिलेगा।
ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत के साथ हमारा एक समझौता होगा। यह एक अलग तरह का समझौता होगा, जिसमें हम प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। अभी भारत किसी को अंदर आने नहीं देता, लेकिन अगर वह ऐसा करता है, तो हम एक बेहतर समझौता कर पाएंगे जो कम टैरिफ वाला होगा।”
9 जुलाई की डेडलाइन से पहले प्रयास तेज
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) को लेकर बातचीत तेज हो गई है। दोनों देशों के बीच यह बातचीत उस समय हो रही है जब 26% रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर 90 दिनों की अस्थायी छूट की समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। अगर इस तारीख तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो पुरानी उच्च दर वाली टैरिफ व्यवस्था फिर से लागू हो जाएगी।
भारत की कृषि नीति पर सख्त रुख
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने कृषि मामलों में सख्त रुख अपनाया है। भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन में अपनी यात्रा बढ़ा चुका है। अमेरिका भारत से अपने कृषि उत्पादों जैसे सेब, ट्रीनट्स, और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों पर शुल्क में कटौती की मांग कर रहा है।
वहीं भारत चाहता है कि उसके लेबर-इंटेंसिव उत्पादों जैसे टेक्सटाइल, गारमेंट्स, रत्न-आभूषण, चमड़ा, झींगा, तेल बीज, अंगूर और केले को अमेरिका में प्राथमिकता वाली पहुंच मिले।
डेयरी सेक्टर पर भारत की स्पष्ट ना
भारत ने अब तक किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी सेक्टर को विदेशी प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं खोला है और इस बार भी अमेरिका के दबाव के बावजूद अपने रुख पर अडिग है। देश में लघु और सीमांत किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए, यह एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा है।
$500 बिलियन के लक्ष्य की ओर कदम
अभी भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार $191 बिलियन का है। दोनों देश इस आंकड़े को 2030 तक $500 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इस दिशा में बीटीए का पहला चरण 2024 के अंत तक पूरा करने की योजना है।
