दिल्ली में आज से खत्म हो चुकी उम्र वाले वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, सीएक्यूएम का बड़ा फैसला

नई दिल्ली, 01 जुलाई 2025/
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए आज से खत्म हो चुकी उम्र (End-of-Life, EoL) वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा लिया गया है। इसके तहत 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल और सीएनजी तथा 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा

इस आदेश को लागू करने के लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर CCTV कैमरे, लाउडस्पीकर, ANPR कैमरे और निगरानी दल तैनात किए गए हैं। दिल्ली सरकार द्वारा 17 जून को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) के अनुसार, पेट्रोल पंपों को पुराने वाहनों को ईंधन न देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।

नियमों का पालन कैसे होगा?

  • 350 पेट्रोल पंपों पर एक-एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी की तैनाती की गई है।
  • पेट्रोल पंप नंबर 1 से 100 तक दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे।
  • पंप नंबर 101 से 159 तक परिवहन विभाग की 59 विशेष टीमें निगरानी करेंगी।
  • दो पुलिसकर्मी प्रत्येक पंप पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद रहेंगे।
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्द किया जाएगा और चालान काटा जाएगा।

SOP के तहत क्या है प्रावधान?

  • सभी पेट्रोल पंपों को “खत्म उम्र वाले वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा” का बोर्ड लगाना अनिवार्य है।
  • प्रत्येक अस्वीकृत ईंधन लेन-देन का डिजिटल या मैनुअल रजिस्टर में रिकॉर्ड रखना होगा।
  • स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है कि कैसे वे पुराने वाहनों को पहचानें और नियम का पालन करें।
  • ANPR कैमरों की निगरानी और संचालन की जिम्मेदारी दिल्ली ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTIDC) को सौंपी गई है।
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले पंपों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 192 के तहत कार्रवाई होगी।

क्यों उठाया गया यह कदम?

CAQM के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पुराने वाहन हैं। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था। इससे पहले 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 15 वर्ष से पुराने वाहनों के सार्वजनिक स्थानों पर खड़े होने पर रोक लगाई थी।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

CAQM के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक ठोस पहल है। यह कदम न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि वाहन चालकों को वैध और प्रदूषण रहित विकल्प अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा