जीएसटी के 8 साल: पीएम मोदी ने बताया आर्थिक सुधार, राहुल गांधी ने कहा – गरीबों पर अन्याय का औजार

नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025:
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के आठ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत की आर्थिक रूपरेखा को बदलने वाला ऐतिहासिक सुधार बताया। उन्होंने कहा कि GST ने छोटे और मझोले उद्योगों के लिए कारोबार करना आसान बनाया है और सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“8 वर्षों में, GST एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में उभरा है जिसने भारत की आर्थिक तस्वीर को बदला है। इसने अनुपालन बोझ को कम कर व्यापार सुगमता बढ़ाई है, विशेष रूप से लघु और मध्यम उद्यमों के लिए।”

उन्होंने आगे कहा कि GST ने राज्यों को समान भागीदार बनाकर देश को एकीकृत बाजार की ओर अग्रसर किया है और यह आर्थिक वृद्धि का शक्तिशाली इंजन बन गया है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए GST को “आर्थिक अन्याय और कॉर्पोरेट भाई-भतीजावाद का औजार” बताया। उन्होंने कहा,
“मोदी सरकार की GST कोई टैक्स सुधार नहीं है, बल्कि गरीबों को दंडित करने, MSMEs को कुचलने और कुछ अमीर मित्रों को लाभ पहुंचाने का साधन है।”

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिस “गुड एंड सिंपल टैक्स” का वादा किया था, वह 900 से ज्यादा संशोधनों से भरा हुआ एक जटिल ढांचा बन गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली ने छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए परेशानी बढ़ा दी है और बड़ी कंपनियों को इसका फायदा मिला है।

उन्होंने दावा किया कि GST लागू होने के बाद 18 लाख से अधिक उद्यम बंद हो चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ GST बकाया राशि को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने पेट्रोल और डीज़ल को GST के दायरे से बाहर रखने की आलोचना करते हुए कहा कि इससे किसानों, परिवहन क्षेत्र और आम जनता को नुकसान हुआ है।

GST क्या है?

GST यानी वस्तु एवं सेवा कर को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य अनेक अप्रत्यक्ष करों को खत्म कर एक एकीकृत कर प्रणाली लागू करना था। इसे भारत की सबसे बड़ी कर सुधार योजना माना गया है, जो कारोबारी प्रक्रिया को सरल बनाने और दोहराए जाने वाले करों को हटाने के उद्देश्य से लाई गई थी।

इसकी नींव वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान रखी गई थी, लेकिन इसे 2017 में अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए पूर्ण रूप से लागू किया गया।

राहुल गांधी ने कहा कि GST की मूल अवधारणा को खराब कार्यान्वयन, राजनीतिक पक्षपात और नौकरशाही के अतिरेक ने नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि देश को ऐसा कर प्रणाली चाहिए जो हर वर्ग के लिए काम करे – न कि केवल विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए।