बिलासपुर/रायपुर, 1 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया में एक बड़ा फैसला सामने आया है। माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़, बिलासपुर की डिवीजन बेंच ने 1 जुलाई 2025 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में प्राचार्य पदोन्नति पर लगी रोक (स्टे) को हटा दिया है। इससे राज्य में लंबे समय से रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा”, “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (CGPITF)” ने इस फैसले का स्वागत करते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि अब जब कोई कानूनी अड़चन नहीं है, तो 15 जुलाई 2025 तक “टी एवं ई संवर्ग” के अंतर्गत रिक्त प्राचार्य पदों पर निष्पक्ष काउंसलिंग कर पदस्थापना आदेश जारी किया जाए।
हाईकोर्ट ने हटाया स्टे, कई याचिकाएं खारिज
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय हाई कोर्ट ने प्राचार्य पदोन्नति के मार्ग में बाधा बनी याचिकाओं को खारिज कर स्टे हटा दिया है। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी रूप से स्पष्ट हो चुकी है, जिससे सरकार को त्वरित निर्णय लेकर कार्यवाही करनी चाहिए।
वर्षों से लंबित हैं पदोन्नति, सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो चुके
संघर्ष मोर्चा ने यह भी बताया कि विभाग में 35 से 40 वर्षों की सेवा देने के बावजूद हजारों वरिष्ठ व्याख्याता एवं प्रधान पाठक बिना पदोन्नति पाए हर माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे शिक्षकों में निराशा का माहौल है। ऐसे में पदोन्नति प्रक्रिया को अब और विलंबित करना न्याय संगत नहीं होगा।
30 अप्रैल 2025 की सूची में संशोधन की मांग
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने यह भी मांग की कि 30 अप्रैल 2025 को जारी प्राचार्य पदोन्नति की सूची में जो शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके स्थान पर प्रतीक्षा सूची के योग्य शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर शामिल किया जाए, जिससे पात्रता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित हो सके।
शिक्षा व्यवस्था होगी सुदृढ़
संघर्ष मोर्चा ने यह भी कहा कि राज्य के कई विद्यालय वर्तमान में प्राचार्यविहीन हैं, जिससे प्रशासनिक और शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। यदि 15 जुलाई तक पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है, तो पूर्णकालिक प्राचार्यों की नियुक्ति से शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
शासन से त्वरित कार्यवाही की अपील
संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, शिक्षा मंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ से अपील की है कि वे इस मामले में त्वरित और निर्णायक कार्यवाही करें, ताकि वर्षों से प्रतीक्षारत शिक्षकों को उनका अधिकार समय पर प्राप्त हो सके और प्रदेश के विद्यालयों में एक नई ऊर्जा का संचार हो।
