रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की पूरी तैयारी हो चुकी है। केंद्र सरकार और सुरक्षा बल अब पूरे फॉर्म में हैं और इस वर्ष के शेष 9 महीनों में बड़े पैमाने पर माओवादियों के खात्मे के लिए विशेष अभियान चलाने वाले हैं। केंद्र ने बस्तर को इस लड़ाई का मुख्य केंद्र बनाया है, क्योंकि यह क्षेत्र लंबे समय से माओवादियों की गतिविधियों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है।
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद पूरे ऑपरेशन को नई दिशा मिली है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो नक्सली निर्दोष नागरिकों की हत्या करते हैं, उन्हें किसी भी हाल में माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने सुरक्षा बलों को ‘फ्री हैंड’ देते हुए कहा कि अब नक्सलियों को छिपने की कोई जगह नहीं दी जाएगी और उन्हें लगातार दबाव में रखा जाएगा।
मानसून में चलेगा बड़ा अभियान
मानसून के दौरान विशेष अभियान की योजना बनाई गई है, जिसमें नक्सलियों के 13 बड़े कैडरों की पहचान कर उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। इन माओवादियों की प्रोफाइल तैयार कर ली गई है और हर स्तर पर उन पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि शांति वार्ता तभी होगी जब माओवादी हथियार डालेंगे। बस्तर के माड़ और इंद्रावती इलाकों में माओवादियों की सक्रियता ज्यादा देखी जा रही है। यहां सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त को और तेज किया गया है।
कई राज्यों में ज्वाइंट ऑपरेशन की तैयारी
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा की सरकारों ने भी अपने-अपने इलाकों में छिपे माओवादियों की सूची केंद्र को सौंपी है। इन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने की योजना है।
जिन बड़े माओवादियों को बनाया गया है टारगेट:
- के रामचंद्र रेड्डी – सीसीएम सचिव, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी
- मोडेम बालकृष्ण – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- कादरी सत्यनारायण रेड्डी – सेंट्रल कमेटी सदस्य
- अनल दा उर्फ तूफान – सीसीएम सचिव, बिहार-झारखंड
- वेणुगोपाल भूपति – पोलित ब्यूरो सदस्य
- तिरुपति देव जी – पोलित ब्यूरो सदस्य
- गणपति उर्फ रमन्ना – पोलित ब्यूरो सदस्य
- पुल्लरी प्रसाद – सीसीएम सचिव, तेलंगाना
- मिसिर बेसरा – पोलित ब्यूरो
- सुजाता – सीसीएम प्रभारी, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो
- गणेश उईके – सीसीएम सचिव, ओडिशा स्टेट कमेटी
इनके अलावा भी कई करोड़ों के इनामी माओवादी टारगेट पर हैं। मानसून के दौरान इन सभी पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
लाल आतंक को लगेगा बड़ा झटका
इस व्यापक और संयुक्त अभियान के बाद सरकार को उम्मीद है कि माओवादियों की संगठित ताकत को गहरी चोट पहुंचेगी और देश में लाल आतंक की कमर टूटेगी। बस्तर समेत अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति और विकास की राह खुलेगी।
