छत्तीसगढ़ वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग में वर्षों बाद हुआ बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 178 से अधिक अधिकारियों का तबादला

रायपुर, 29 जून 2025: छत्तीसगढ़ सरकार ने वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग में वर्षों बाद बड़े पैमाने पर तबादले करते हुए राज्य कर प्रशासन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाया है। यह कदम विभागीय निष्पादन और राजस्व संग्रहण को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।

पिछले 2-3 वर्षों में केवल सीमित संख्या में (10-15 अधिकारियों के) ही तबादले हुए थे, लेकिन अबकी बार 178 से अधिक राज्य कर अधिकारी और निरीक्षक, राज्य कर उपायुक्त और सहायक आयुक्तों का तबादला किया गया है।

लंबे समय से एक ही पदस्थापना स्थल पर थे अधिकारी

जीएसटी विभाग में कई अधिकारी 18 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ थे। विशेष रूप से 8 उपायुक्त और 4 सहायक आयुक्त पिछले 5 वर्षों से अपने गृह जिलों में कार्यरत थे। इसके अलावा, 34 राज्य कर अधिकारी और 45 राज्य कर निरीक्षक भी लगातार 5 वर्षों से अपने गृह जिले में तैनात थे। इस स्थिति से व्यापारिक संस्थानों से निजी संबंध बनने की संभावना बढ़ जाती है, जो कर वसूली के कार्य को प्रभावित कर सकता है।

35 राज्य कर उपायुक्तों में से 17 को पदोन्नति के बाद नई जिम्मेदारी

स्वीकृत 35 राज्य कर उपायुक्तों में से 17 को पदोन्नति उपरांत नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। शेष अधिकारियों में से कुछ पिछले 10 वर्षों से रायपुर में पदस्थ थे, जिनका अब स्थानांतरण कर दिया गया है।

राजस्व संग्रहण को बढ़ावा देने नई इकाइयों का गठन

वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने बीआईयू (Business Intelligence Unit) और ऑडिट यूनिट का गठन कर उनमें अधिकारियों की तैनाती की है, जिससे राजस्व संग्रहण को सशक्त और निगरानी तंत्र को प्रभावी बनाया जा सके।

नई जिलों में पहली बार वृत्त स्थापित

पहली बार राज्य के दंतेवाड़ा, कोंडागांव, जशपुर, सक्ती और सारंगढ़ जैसे नवगठित और पिछड़े जिलों में वृत्त कार्यालय स्थापित किए गए हैं। पहले विभागीय कार्यालय 30 वृत्तों के बावजूद सिर्फ 15 जिलों तक सीमित थे।

मानवीय संवेदनाओं का भी रखा गया ध्यान

बड़े पैमाने पर तबादलों के बावजूद मानवीय पहलुओं का भी ध्यान रखा गया है। विशेष रूप से पति-पत्नी दोनों अधिकारियों को एक ही जिले में रखने का प्रयास किया गया है। महिला अधिकारियों को यथासंभव निकटवर्ती जिलों में स्थानांतरित किया गया है।

यह कदम न केवल विभागीय निष्पादन को गति देगा, बल्कि कार्यक्षमता और जवाबदेही में भी इजाफा करेगा।