रायपुर: छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में घटिया प्रेग्नेंसी किट की सप्लाई कर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) द्वारा सप्लाई की गई क्लियर एंड स्योर ब्रांड की प्रेग्नेंसी किट में लगभग 50 प्रतिशत टेस्ट फॉल्स रिपोर्ट दे रहे हैं। बावजूद इसके पिछले 6 महीने में 7.53 लाख से अधिक किट बांट दी गईं।
न्यूज 18 की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि रायपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कचना समेत राज्य के कई अस्पतालों में इस किट को लेकर शिकायतें लगातार मिल रही हैं। मेडिकल स्टाफ का कहना है कि हर 10 में से 4 से 5 रिपोर्ट गलत आ रही हैं — यानी प्रेग्नेंट महिला को निगेटिव रिपोर्ट और नॉन-प्रेग्नेंट को पॉजिटिव दिखा रही है।
महिलाओं की सेहत को खतरा
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुप्रिया गुप्ता ने चेतावनी दी है कि ऐसी गलत रिपोर्ट से महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे गर्भपात जैसी जटिल समस्याएं भी हो सकती हैं। कुछ अस्पतालों में स्टाफ महिलाओं से बाहर से किट लाने की सलाह दे रहे हैं, जो सरकारी स्वास्थ्य सेवा पर सवाल खड़े करता है।
6.5 लाख से ज्यादा किट वेयरहाउस में स्टॉक
CGMSC की जानकारी के अनुसार, लगभग 6.5 लाख किट अब भी वेयरहाउस में स्टॉक में पड़ी हुई हैं, जिन्हें बांटने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन अब जब इनकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, तो स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बढ़ गया है।
BMO और वरिष्ठ अधिकारियों की चेतावनी
BMO और अस्पताल प्रभारी डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया कि इस तरह की किट से लीगल इश्यू भी हो सकते हैं। आमासिवानी और अन्य अस्पतालों में निरीक्षण के दौरान भी फॉल्स रिपोर्ट की शिकायतें मिली हैं।
करोड़ों के घोटाले की आशंका
CGMSC पहले भी घटिया दवाइयों की खरीदी को लेकर विवादों में रहा है। अब घटिया प्रेग्नेंसी किट की सप्लाई से करोड़ों के घोटाले की आशंका और गहरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की खरीदी प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
जांच के आदेश
CGMSC के GM (ड्रग) हिरेन पटेल ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं CGMSC अध्यक्ष दीपक महस्के ने भी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है और गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था में इस खुलासे से बड़ा झटका लगा है। आने वाले दिनों में यदि सही जांच हुई, तो यह मामला राज्य के सबसे बड़े मेडिकल घोटालों में से एक बन सकता है।
