छत्तीसगढ़ को जल्द मिलेगा नया मुख्य सचिव, मनोज पिंगुआ रेस में सबसे आगे, सुब्रत साहू और रेणु पिल्ले भी दौड़ में

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव (Chief Secretary) की नियुक्ति को लेकर रायपुर से दिल्ली तक मंथन जारी है। सूत्रों के अनुसार, अगले तीन दिनों में प्रदेश को नया प्रशासनिक मुखिया मिल सकता है। इस पद की दौड़ में राज्य कैडर के कुल सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी योग्य माने जा रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा 1994 बैच के मनोज पिंगुआ को लेकर हो रही है, जो वर्तमान में दिल्ली में हैं और शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों से मुलाकात करते देखे गए।

पिंगुआ क्यों आगे हैं?
मनोज पिंगुआ की छवि एक साफ-सुथरे और शांत प्रशासनिक अधिकारी की रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय की भी यह पहली पसंद बताए जा रहे हैं। हालांकि, उनकी कार्यशैली में कुछ धीमापन और निर्णय लेने में थोड़ी हिचक के कारण भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें लेकर असमंजस में हैं।

अमित अग्रवाल नहीं आए तो रास्ता साफ
फिलहाल दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1993 बैच के आईएएस अमित अग्रवाल यदि छत्तीसगढ़ आने से मना करते हैं तो पिंगुआ की नियुक्ति की संभावना और प्रबल हो जाएगी। अग्रवाल पिछले नौ वर्षों से दिल्ली में हैं और राज्य की जमीनी प्रशासनिक स्थिति से उनकी दूरी को लेकर भी चर्चा है।

दिल्ली को भेजे गए दो नाम
राज्य सरकार ने मनोज पिंगुआ और सुब्रत साहू के नाम दिल्ली भेजे हैं। 1992 बैच के सुब्रत साहू सहकारिता और धार्मिक न्यास विभाग के एसीएस हैं। वे भूपेश बघेल सरकार में मुख्यमंत्री के सचिव रह चुके हैं, जिससे कुछ भाजपा नेता उनके नाम को लेकर हिचकिचा रहे हैं।

रेणु पिल्ले भी रेस में
हालांकि, रेणु पिल्ले सबसे सीनियर आईएएस हैं और सीनियरिटी के आधार पर अगर चयन हुआ तो उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है।

तीन दावेदार, एक फैसला
पिंगुआ, सुब्रत साहू और रेणु पिल्ले के बीच मुकाबला है। आने वाले 72 घंटों में तय हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ का अगला मुख्य सचिव कौन होगा। प्रदेश की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं तेज हैं।