ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स 2025 जारी: कोपेनहेगन बना दुनिया का सबसे रहने योग्य शहर, वियना की तीन साल की बादशाहत खत्म

नई दिल्ली। प्रतिष्ठित इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) द्वारा जारी ग्लोबल लाइवेबिलिटी इंडेक्स 2025 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन को दुनिया का सबसे अधिक रहने योग्य शहर घोषित किया गया है। कोपेनहेगन ने स्थिरता, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सर्वोच्च अंक हासिल कर वियना की तीन वर्षों से चली आ रही शीर्ष स्थिति को पीछे छोड़ दिया।

लाइवेबिलिटी इंडेक्स 2025 में दुनिया भर के 173 शहरों को जीवन की गुणवत्ता के विभिन्न मानकों—जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण, बुनियादी ढांचा और स्थिरता—के आधार पर आंका गया। इस साल का औसत वैश्विक स्कोर 76.1 रहा, जो पिछले साल के बराबर है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसंरचना में सुधार, पर स्थिरता में गिरावट

रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2025 में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में समग्र रूप से सुधार हुआ है। हालांकि, स्थिरता स्कोर में 0.2 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण वैश्विक भूराजनीतिक अस्थिरता, नागरिक अशांति और आवास संकट बताया गया है।

पश्चिमी यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्र का दबदबा

पश्चिमी यूरोप के शहरों ने एक बार फिर टॉप 10 की सूची में अपनी मजबूत पकड़ दिखाई, जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई शहर भी निकट प्रतिस्पर्धा में रहे। कनाडा का वैंकूवर शीर्ष 10 में उत्तरी अमेरिका का प्रतिनिधित्व करता है।

खाड़ी देशों में सुधार, सऊदी अरब और UAE की रैंकिंग में उछाल

मध्य-पूर्व और अफ्रीका के शहरों को अभी भी कम रहने योग्य शहरों में शामिल किया गया है, लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे में मामूली सुधार दर्ज हुआ है। विशेष रूप से सऊदी अरब का अल खोबर शहर रैंकिंग में ऊपर चढ़ा है, जो कि विजन 2030 के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भारी निवेश का परिणाम माना जा रहा है।

2025 के दुनिया के 10 सबसे रहने योग्य शहर

  1. कोपेनहेगन (डेनमार्क)
  2. वियना (ऑस्ट्रिया)
  3. मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया)
  4. ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड)
  5. वैंकूवर (कनाडा)
  6. जिनेवा (स्विट्जरलैंड)
  7. सिडनी (ऑस्ट्रेलिया)
  8. ओस्लो (नॉर्वे)
  9. हेलसिंकी (फिनलैंड)
  10. ऑकलैंड (न्यूज़ीलैंड)

यह रिपोर्ट दुनिया भर में शहरी जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे नीति निर्माताओं, योजनाकारों और सरकारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशासूचक मानी जाती है।