भूमि स्वामी अधिकार, जमा करना होगा गाइडलाइन दर का 102 प्रतिशत, जानकारी जिले की वेबसाइट पर होगी उपलब्ध

नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट से कम की शासकीय जमीन के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को दिया गया है। इन्हें जिला प्रशासन ने चिन्हांकित किया है तथा एक-दो दिनों के भीतर इसे जिले की वेबसाइट में अपलोड कर दिया जाएगा। इसमें शासकीय जमीन तथा लोकेशन के डिटेल की जानकारी होगी। आवेदक गाइडलाइन दर का 102 प्रतिशत जमाकर भूमिस्वामी अधिकार प्राप्त कर सकेंगे।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। यह जानकारी कलेक्टर अंकित आनंद ने आज शुक्रवार को चेंबर आफ कामर्स, कॉलोनाइजर एवं अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक में प्रदान की। उन्होंने कहा कि आवेदनों के परीक्षण के पश्चात् पात्रता पाये जाने पर गाइडलाइन दर से राशि लेकर भूमिस्वामी अधिकार प्रदान किये जा सकेंगे। जिस जमीन के संबंध में एक से अधिक आवेदन प्राप्त होगा तो ऐसी परिस्थिति में नीलामी द्वारा आवंटन हो सकेगा। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि 20 अगस्त 2017 से पूर्व अतिक्रमित भूमि के लिए भी गाइडलाइन का 152 प्रतिशत जमाकर भूमिस्वामी अधिकार प्राप्त किया जा सकेगा। पात्रता का परीक्षण कर उपर्युक्त पाये जाने पर भूमिस्वामी अधिकार दिया जा सकेगा।
कलेक्टर ने कहा कि रियायती दर पर आवंटित भूमि में भी 102 प्रतिशत जमाकर भूस्वामी अधिकार प्राप्त किया जा सकता है। गैर रियायती दर पर आवंटित पट्टे गाइडलाइन मूल्य का दो प्रतिशत देकर भूस्वामी अधिकार प्राप्त किया जा सकता है। आवेदक नजूल भूमि होने पर नजूल अधिकारी को तथा पटवारी खसरे नंबर की भूमि होने पर संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को प्रस्तुत कर सकता है। आपको बता दें कि जिले के नजूल दुर्ग में 691 वर्गमीटर तथा पटवारी खसरे में 71.90 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। बैठक में अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई, डिप्टी कलेक्टर एवं नजूल अधिकारी अरूण वर्मा तथा एसडीएम खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इन भूखंड़ों के लिए भी कर सकते है आवेदन
बैठक में प्रतिनिधियों ने पूछा कि यदि अतिक्रमित जमीन सड़क क्षेत्र में है या मास्टर प्लान में इसमें सड़क के प्रयोजन से दिखाया है तो क्या आवेदन दिया जा सकता है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आवेदन दिया जा सकता है। आवेदन पर मौका मुआयना कर विचार किया जाएगा। यदि मास्टर प्लान से यह सुसंगत नहीं है लेकिन परीक्षण के पश्चात आवेदन तर्कसंगत लगता है तो इस संबंध में मार्गदर्शन के लिए और अनुमति के लिए शासन को भेजा जाएगा। प्रतिनिधियों ने यह भी पूछा कि यदि कोई समाज शासकीय भूमि चाहता है तो उसे क्या करना होगा। कलेक्टर ने बताया कि पंजीकृत सोसायटी से संबंधित आवेदक जिसे सोसायटी ने अपनी कार्रवाईयों के लिए अधिकृत किया हो, आवेदन दे सकते हैं। उद्योगपतियों ने पूछा कि क्या अपने उद्योगों से जुड़ी शासकीय जमीन पर विस्तार के लिए आवेदन दे सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय भूमि के लिए यह आवेदन दिया जा सकता है। कुछ प्रतिनिधियों ने निगम की जमीन के संबंध में भी जानकारी चाही। कलेक्टर ने बताया कि यह योजना केवल शासकीय जमीन के लिए लाई गई है। उन्होंने बताया कि आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।