दुर्ग, 26 जून 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश पर पुलिस विभाग द्वारा टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-233-1905 जारी किया गया है, जो 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन सक्रिय रहेगा।
🔷 जनता को मिली सीधी और गोपनीय सूचना देने की सुविधा
इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से राज्य का कोई भी नागरिक अपने क्षेत्र में मौजूद संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों या उनकी गतिविधियों के बारे में प्रत्यक्ष रूप से पुलिस को सूचना दे सकता है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, ताकि नागरिक बिना किसी डर के राष्ट्रहित में सहयोग कर सकें।
🔷 उपमुख्यमंत्री का संदेश: सुरक्षा सर्वोपरि
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि –
“देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को घुसपैठियों और अवैध गतिविधियों से मुक्त रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक ऐसी ताकतों को जड़ से नहीं उखाड़ा जाएगा, तब तक राज्य की शांति और सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी। यह हेल्पलाइन जनता और प्रशासन के बीच एक सुरक्षित पुल का कार्य करेगी।
🔷 हर सूचना की होगी गंभीरता से जांच
पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि हेल्पलाइन पर प्राप्त प्रत्येक सूचना को गंभीरता से लें, सतर्कता से जांच करें, और शीघ्र कार्रवाई करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निर्दोष नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
सूचना की सत्यता की पूर्ण जांच के बाद ही किसी भी प्रकार की कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी, जिससे कानून का दुरुपयोग न हो और निर्दोष लोग प्रभावित न हों।
🔷 जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा
उपमुख्यमंत्री ने सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार का अभियान भी चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पहल से जुड़ सकें और राज्य को सुरक्षित रखने में भागीदार बन सकें।
🔷 सामूहिक जिम्मेदारी की अपील
श्री विजय शर्मा ने राज्यवासियों से अपील की कि यदि उन्हें अपने आस-पास किसी व्यक्ति की गतिविधियों या पहचान पर संदेह हो तो वे तुरंत 1800-233-1905 पर कॉल करें।
“छत्तीसगढ़ को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सशक्त बनाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”
