रायपुर, 25 जून 2025
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ को रणनीतिक और सामरिक खनिजों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में आज एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसका उद्देश्य राज्य में उपलब्ध खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक, पारदर्शी और रणनीतिक दोहन की दिशा में ठोस नीति निर्माण और समन्वय स्थापित करना था।
🗨️ सचिव पी. दयानंद का वक्तव्य: खनिज समृद्धि, रणनीतिक दृष्टिकोण
कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव एवं खनिज संसाधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा:
“छत्तीसगढ़ एक खनिज समृद्ध राज्य है, जहाँ कोयला, चूना पत्थर, लौह अयस्क, बाक्साइट, टिन के साथ-साथ लीथियम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे रणनीतिक एवं परमाणु महत्व के खनिज भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।”
उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला नेशनल प्रोग्राम ऑन एक्सप्लोरेशन स्ट्रैटेजी और नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) के तहत राज्य की भूमिका को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
🎯 कार्यशाला का उद्देश्य
इस संयुक्त कार्यशाला का आयोजन खनिज संसाधन विभाग एवं छत्तीसगढ़ भूविज्ञान एवं खनन संचालनालय द्वारा किया गया। इसके मुख्य उद्देश्य रहे:
- वैज्ञानिक अन्वेषण तकनीकों का प्रचार-प्रसार
- तकनीकी रूप से मजबूत प्रस्ताव प्रस्तुति प्रणाली
- राज्य की राष्ट्रीय रणनीतिक अन्वेषण नीतियों में भागीदारी
- निजी और सार्वजनिक निवेश को आकर्षित करना
- छत्तीसगढ़ को वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला का मजबूत केंद्र बनाना
📚 तकनीकी सत्रों की झलक
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में प्रमुख विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया:
- श्री रविकांत गुप्ता (भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण): छत्तीसगढ़ के OGP क्षेत्रों और भूगर्भीय विशेषताओं पर विस्तृत जानकारी।
- श्री भुवनेश्वर कुमार (मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड): लीथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट, टंगस्टन जैसे खनिजों की खोज में प्रयुक्त आधुनिक भू-भौतिकीय एवं भू-रासायनिक तकनीकों पर प्रस्तुति।
- श्री अक्षय वर्मा (NMET): प्रस्ताव तैयार करने, वित्तीय सहायता और अनुदान प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी और राज्य की सक्रिय भागीदारी पर जोर।
🌍 वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में छत्तीसगढ़ की भूमिका
विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ की खनिज विविधता, भौगोलिक स्थिति और गुणवत्ता इसे वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में एक निर्णायक भूमिका निभाने के योग्य बनाती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि यदि राज्य उत्पादन, मांग और भविष्य की जरूरतों के बीच संतुलन बना ले, तो यह खनिज-आधारित औद्योगिक विकास में राष्ट्रीय नेतृत्व कर सकता है।
🔚 समापन सत्र में दृष्टिकोण
समापन सत्र में:
- अब तक हुए खनिज सर्वेक्षणों और प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की गई
- तकनीकी दक्षता और विभागीय समन्वय को सुदृढ़ करने पर बल
- पारदर्शी, तकनीकी और समयबद्ध कार्यप्रणाली अपनाने की बात कही गई
अधिकारियों ने माना कि रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ राज्य, राष्ट्रीय खनिज नीति में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
👨🏫 विशेषज्ञों की भागीदारी
इस कार्यशाला में शामिल हुए:
- प्रो. साहेंद्र सिंह (IIT धनबाद)
- श्री प्रेम प्रकाश (IBM)
- श्री रजत बंसल (संचालक)
- श्री अनुराग दीवान और श्री संजय कनकाने (संयुक्त संचालक)
- केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के अधिकारी, अनुसंधानकर्ता, नीति सलाहकार और तकनीकी विशेषज्ञ
✅ निष्कर्ष
यह कार्यशाला न केवल छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को व्यवस्थित रूप से दोहन करने की दिशा में महत्वपूर्ण रही, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि राज्य वैश्विक खनिज रणनीति में अहम केंद्र बन सकता है। सरकार की रणनीति अब पारदर्शिता, तकनीक और दीर्घकालिक सोच पर आधारित है, जो छत्तीसगढ़ को खनिज आधारित आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर करेगी।
