लंदन, 25 जून 2025
ISKCON (इस्कॉन) के वरिष्ठ भिक्षु और प्रेरणादायक वक्ता गौरांग दास (गौरांग प्रभु) ने लंदन में आयोजित India Global Forum 2025 (IGF) में एक रोचक किस्सा साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि जब उनकी मुलाकात Google के CEO सुंदर पिचाई से हुई तो पिचाई ने उनकी युवा दिखने वाली शक्ल की तारीफ की।
गौरांग दास ने इस पर मुस्कराते हुए जवाब दिया,
“आप गूगल से डील करते हैं, जो तनाव देता है। मैं भगवान से डील करता हूं, जो तनाव दूर करता है।“
यह बात उन्होंने IGF के अंतिम दिन लंदन के Taj St. James’ Court में आयोजित एक सत्र में कही।
🧑🎓 IIT के दो पूर्व छात्र, दो अलग राहें
गौरांग दास और सुंदर पिचाई दोनों IIT के 1993 बैच से हैं।
- गौरांग दास ने IIT बॉम्बे से B.Tech किया था।
- सुंदर पिचाई ने IIT खड़गपुर से Metallurgical Engineering में B.Tech किया।
कॉलेज के दौरान दोनों की मुलाकात नहीं हुई, लेकिन सालों बाद, एक समारोह में मुलाकात हुई – जिसे माना जाता है कि यह आकाश अंबानी की शादी (2019) के दौरान हुआ था।
🙏 गौरांग दास का आध्यात्मिक सफर
गौरांग दास, जिनका जन्म नाम ASK आनंद है, एक प्रतिष्ठित वैष्णव भिक्षु, लेखक और ISKCON के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने कॉर्पोरेट करियर को छोड़कर खुद को पूरी तरह आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा में समर्पित कर दिया।
उनकी लोकप्रिय किताबों में शामिल हैं:
- The Art of Resilience
- The Art of Focus
📱 डिजिटल युग में मानसिक संकट पर चेतावनी
अपने संबोधन में गौरांग दास ने सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर चिंता जताई और कहा:
“आज विश्वभर में 230 मिलियन लोग सोशल मीडिया के आदी हैं। भारत में 70% किशोर रोज़ 7 घंटे ऑनलाइन बिताते हैं। हर सातवां व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है।“
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया तनाव, अकेलापन और डिजिटल लत बढ़ाने का बड़ा कारण बन चुका है।
🤝 सुंदर पिचाई से मुलाकात का किस्सा
गौरांग दास ने बताया:
“हम दोनों IIT में एक ही बैच के थे, लेकिन भिन्न शाखाओं में। पहली बार जब हम वर्षों बाद मिले, सुंदर पिचाई ने मुझसे कहा, ‘तुम मुझसे ज़्यादा जवान लगते हो।’ तब मैंने जवाब दिया, ‘क्योंकि आप गूगल से तनाव लाते हो, और मैं भगवान से शांति।’”
इस किस्से ने IGF की ऑडियंस को हंसी और सोच दोनों में डुबो दिया।
🧘 निष्कर्ष:
गौरांग दास की जीवन यात्रा इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक तकनीकी पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति आध्यात्मिकता की ओर बढ़ सकता है और लाखों लोगों के जीवन में शांति और दिशा ला सकता है। वहीं, यह मुलाकात यह भी दर्शाती है कि आधुनिक तकनीक और आध्यात्मिक शांति के बीच कितना अंतर हो सकता है।
