कांग्रेस में बगावत की गूंज: शशि थरूर की मोदी की तारीफ़ से गरमाई सियासत, खरगे ने दिया कड़ा जवाब

नई दिल्ली, 25 जून 2025
कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर और पार्टी नेतृत्व के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ गए हैं। इस बार वजह बना है थरूर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ से भरा एक लेख,

थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक छवि की प्रशंसा को लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से खुद को उनकी टिप्पणियों से अलग कर लिया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा,

हमारे लिए देश पहले आता है। कुछ लोगों के लिए लगता है कि मोदी पहले, देश बाद में आता है।


🔍 क्या लिखा था शशि थरूर ने?

प्रकाशित अपने लेख में थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी की “ऊर्जा, सक्रियता और संवाद की इच्छा” की तारीफ़ करते हुए कहा कि ये विशेषताएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए एक “prime asset” हैं और इन्हें “अधिक समर्थन” मिलना चाहिए।

उन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर को “राष्ट्र की संकल्पशक्ति और प्रभावी कूटनीति” का उदाहरण बताया।


🗨 कांग्रेस की नाराजगी

कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की विदेश नीति की खुलकर आलोचना करती रही है और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई, को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे।

ऐसे समय में थरूर का प्रधानमंत्री मोदी के लिए सकारात्मक लेख लिखना पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत माना जा रहा है। कांग्रेस ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि यह थरूर की व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं।


🔁 खरगे का जवाब: व्यंग्य और कटाक्ष

खरगे ने कहा:

“थरूर अंग्रेज़ी में बहुत अच्छे हैं, मैं इतना अच्छा अंग्रेज़ी नहीं पढ़ सकता। उनकी भाषा बहुत अच्छी है, इसलिए उन्हें Congress Working Committee (CWC) का सदस्य बनाया गया है।”

उन्होंने आगे कहा:

“हम कहते हैं कि देश पहले, पार्टी बाद में। लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि मोदी पहले, देश बाद में।”


🕊 थरूर का जवाब: इशारों में बगावत?

खरगे की टिप्पणी के बाद थरूर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक रहस्यमयी पोस्ट डाली:

Don’t ask permission to fly. The wings are yours and the sky belongs to no one.
(अनुवाद: उड़ने की अनुमति मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं और आसमान किसी का नहीं होता।)

यह पोस्ट पार्टी के भीतर उनकी स्वतंत्र सोच और आंतरिक असहमति का संकेत माना जा रहा है।


🔄 सफाई और स्पष्टीकरण

मॉस्को में एक कार्यक्रम के दौरान थरूर ने सफाई दी कि उनके लेख को भाजपा में जाने की मंशा के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने कहा:

“यह लेख मोदी जी की पार्टी में कूदने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भारत के हित में लिखा गया था।”


📢 पीएमओ ने भी किया लेख साझा

थरूर का यह लेख प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने भी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। इससे अटकलें और तेज हो गईं कि थरूर की टिप्पणियां भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं।


🧭 राजनीतिक संकेत

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस के भीतर थरूर जैसे नेताओं का अलग सुर पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता का विषय बन सकता है। पहले भी थरूर ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे पार्टी में अपने स्वतंत्र राजनीतिक दृष्टिकोण को बनाए रखना चाहते हैं।


📌 निष्कर्ष

शशि थरूर का लेख, उस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया और फिर थरूर की रहस्यमयी पोस्ट — ये सब आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी के भीतर वैचारिक विभाजन और समानांतर सोच की ओर संकेत करते हैं।

क्या थरूर पार्टी लाइन से बाहर जाकर अपनी राजनीतिक पारी के नए आयाम तलाश रहे हैं, या यह महज़ “राष्ट्रहित” में किया गया एक निष्पक्ष विश्लेषण था? जवाब आने वाला वक्त देगा।