दुर्ग, 24 जून 2025 — आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लगाए गए 1975 के आपातकाल पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह न केवल लोकतंत्र की हत्या थी, बल्कि भारत के संविधान, न्यायपालिका और नागरिक अधिकारों के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश थी।
उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की रात को “आंतरिक अशांति” का बहाना बनाकर देश पर आपातकाल थोप दिया गया, जो न किसी युद्ध का परिणाम था, न किसी विद्रोह का। इसकी असली वजह थी — इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द होना और सत्ता बचाने की हताशा।
🔴 तानाशाही का सबसे काला अध्याय
श्री साहू ने कहा कि इस दौरान:
- प्रेस की बिजली काटी गई, सेंसरशिप लागू की गई,
- लाखों नागरिकों को बिना मुकदमे जेल में डाला गया,
- नेताओं, पत्रकारों और छात्रों तक को दमन झेलना पड़ा,
- संविधान में मनमाने संशोधन कर न्यायिक समीक्षा से प्रधानमंत्री को बाहर कर दिया गया,
- जस्टिस एच.आर. खन्ना जैसे निष्पक्ष न्यायाधीश को सजा स्वरूप मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया गया।
⚖️ संविधान को सत्ता की ढाल बनाया गया
साहू ने कहा कि इंदिरा गांधी ने संविधान को हथियार बनाकर उसी के खिलाफ कार्य किया। 42वें संविधान संशोधन ने लोकतंत्र की आत्मा को बंधक बना दिया। शाह आयोग की रिपोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि आपातकाल पूरी तरह से राजनीतिक सत्ता बचाने की कवायद थी, जिसे इंदिरा गांधी ने नष्ट करवा दिया।
🧱 राष्ट्रवादियों का संघर्ष: लोकतंत्र की रक्षा
प्रेस वार्ता में मंत्री साहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हजारों कार्यकर्ताओं के साहस और संघर्ष को याद करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान यह आंदोलन केवल सत्ता विरोध नहीं, भारत की आत्मा की रक्षा का आंदोलन था। जेपी आंदोलन, जनसंघ, आरएसएस, और अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं ने कांग्रेस की तानाशाही को बेनकाब किया।
⚠️ आज भी जारी है कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता
श्री साहू ने आरोप लगाया कि:
- आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में पत्रकारों पर मुकदमे,
- सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटना,
- विपक्ष की आवाज को दबाना,
- कानून व्यवस्था में धार्मिक तुष्टीकरण और सत्ता का अहंकार साफ देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस डिजिटल इमरजेंसी चला रही है, जो 1975 की तानाशाही का नया संस्करण है।
📌 प्रेस वार्ता में मौजूद रहे वरिष्ठ भाजपा नेता
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री रामजी भारती, भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, विधायक ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, महापौर अलका बाघमार, पूर्व जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, राजेंद्र पाध्ये, एवं जिला मीडिया प्रभारी राजा महोबिया उपस्थित रहे।
श्री साहू ने अंत में कहा कि आज का दिन सिर्फ इतिहास की पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को तानाशाही के खिलाफ सतर्क करने का दिन है। कांग्रेस ने 1975 में जो किया, उसके लिए आज भी न माफी मांगती है, न पश्चाताप करती है।
