दुर्ग में मनाया गया डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस, भाजपा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रवाद के पुजारी को दी श्रद्धांजलि

दुर्ग, 23 जून 2025:
जनसंघ के संस्थापक, महान शिक्षाविद एवं राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रणेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि (बलिदान दिवस) के अवसर पर आज दुर्ग जिला भाजपा कार्यालय में भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने की, जबकि मुख्य वक्ताओं में ग्रामीण विधायक एवं भाजपा जिला महामंत्री ललित चंद्राकर और दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

🌿 कार्यक्रम की शुरुआत और श्रद्धांजलि:

सभा की शुरुआत डॉ. मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण से की गई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए उनके बलिदान को नमन किया।

🎙 वक्ताओं के प्रमुख विचार:

ललित चंद्राकर ने डॉ. मुखर्जी को “एक राष्ट्र, एक संविधान, एक निशान” के सिद्धांत का प्रवर्तक बताते हुए कहा कि उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
सुरेंद्र कौशिक ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता सौभाग्यशाली हैं कि वे उस पार्टी से जुड़े हैं, जिसके मूल में डॉ. मुखर्जी जैसे महान विचारक हैं।
गजेंद्र यादव ने बलिदान दिवस को “राष्ट्रवाद की पुनः प्रतिज्ञा लेने का दिन” बताते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी का नारा “जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है” आज भी हमें एकजुट होकर राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता है।

🇮🇳 डॉ. मुखर्जी के जीवन की झलक:

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन जब विचारधारात्मक मतभेद हुए तो उन्होंने पद त्यागकर जनसंघ की स्थापना की। उनका मानना था कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चल सकते। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण अंग बनाने हेतु आंदोलन किया और इसी दौरान 23 जून 1953 को उनका बलिदान हुआ।

उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा ही आज भारतीय जनता पार्टी के आधार स्तंभों में से एक है और मोदी सरकार की सुशासन एवं जनकल्याण योजनाएं उसी विचारधारा को आगे बढ़ा रही हैं।

👥 प्रमुख उपस्थितजन:

कार्यक्रम में महापौर अलका बाघमार, सभापति श्याम शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, भाजपा प्रवक्ता दिनेश देवांगन, आयुषी पांडे, महेंद्र लोढ़ा, अनिल यादव, रजनीश श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह राजपूत, अजय तिवारी, दिव्या कलिहारी, साजन जोसेफ, गायत्री वर्मा, प्रीति साहू, शीतल जांगिड़, संस्कृति वर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

📣 निष्कर्ष:

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि अर्पित करना नहीं था, बल्कि डॉ. मुखर्जी की राष्ट्रनीति आधारित राजनीति और निस्वार्थ सेवा भाव को आत्मसात करना भी था। वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे उनके दिखाए मार्ग पर चलें और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें।