रायपुर, 23 जून 2025:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे हैं। उनके इस दौरे को पार्टी संगठन को पुनर्जीवित करने और आगामी राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनज़र कांग्रेस को ज़मीनी स्तर पर मज़बूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
रायपुर के विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने वर्ष 2025 को संगठनात्मक एकजुटता और मजबूती का निर्णायक वर्ष घोषित किया है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य पार्टी को जड़ से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक मजबूत करना है।”
अपने दौरे के दौरान पायलट प्रदेश के जिला अध्यक्षों, कार्य समिति सदस्यों और विभागीय प्रमुखों के साथ कई बैठकें कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य पार्टी के हालिया प्रदर्शन का मूल्यांकन कर आगामी रणनीति की रूपरेखा तय करना है।
इन बैठकों के आधार पर पार्टी अगले कुछ महीनों के लिए एक संगठित रोडमैप तैयार करेगी, जिसमें संगठन की जवाबदेही और सक्रियता को केंद्र में रखा जाएगा। इसके साथ ही पायलट कांग्रेस विधायकों के साथ एक क्लोज़-डोर बैठक भी कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य आगामी मानसून सत्र की रणनीति को अंतिम रूप देना है।
सचिन पायलट ने इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शासन व्यवस्था कमजोर हो रही है क्योंकि सभी निर्णय दिल्ली से निर्देश मिलने के बाद लिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की यह अत्यधिक केंद्रीकरण की नीति स्थानीय प्रतिनिधियों की कार्यक्षमता को बाधित कर रही है और यह लोकतंत्र के लिए घातक है।
उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस की ओर से एक जागरूक विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। बीते 18 महीनों से हम भाजपा सरकार की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। यह स्पष्ट है कि स्थानीय भाजपा नेता अक्सर दिल्ली से निर्देशों की प्रतीक्षा करते हैं, जबकि हमारे विधायक ज़मीनी मुद्दों को तत्परता से उठा रहे हैं।”
सचिन पायलट की इस यात्रा को कांग्रेस की नई ऊर्जा और संगठनात्मक दिशा की रूपरेखा के रूप में देखा जा रहा है। उनकी बैठकों का उद्देश्य न केवल आत्मचिंतन करना है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले पार्टी को एकजुट और सक्रिय करना भी है।
