विदेश में पढ़ाई के लिए फर्जी डिग्री का इस्तेमाल: हैदराबाद एयरपोर्ट पर छात्र वीज़ा धोखाधड़ी का खुलासा

हैदराबाद, 22 जून 2025 — राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (RGIA), हैदराबाद पर ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (BoI) ने हाल ही में विदेशी छात्र वीज़ा के लिए फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज़ों का उपयोग कर रहे एक संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले में अमेरिका और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेने वाले छात्र शामिल हैं, जो फर्जी डिग्री के बल पर विदेश जा रहे थे।

पिछले दो हफ्तों में चार छात्रों को एयरपोर्ट पर रोका गया, जिनके पास वैध वीज़ा होने के बावजूद जांच में उनके दस्तावेज़ जाली पाए गए


पहला मामला: फर्जी बीएससी डिग्री के साथ अमेरिका की यात्रा

इस धोखाधड़ी का सबसे पहला और बड़ा खुलासा 1 जून को हुआ, जब 28 वर्षीय पाकीरू गोपाल रेड्डी को RGIA पर हिरासत में लिया गया। रेड्डी नलगोंडा ज़िले के पारेपल्लीगुड़ेम गांव का निवासी है।

  • रेड्डी ने मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी बीएससी (कंप्यूटर साइंस) डिग्री तैयार करवाई थी।
  • इस डिग्री के दम पर वह सितंबर 2023 में वेब्स्टर यूनिवर्सिटी, मिसौरी (यूएस) में दाखिल हुआ और 15 महीने अमेरिका में रहा
  • लेकिन मई 2024 में जब उसने दोबारा अमेरिका जाने की कोशिश की, तो डैलस एयरपोर्ट से उसे वापस भेज दिया गया, क्योंकि उसका SEVIS रिकॉर्ड (विद्यार्थी सूचना प्रणाली) निष्क्रिय पाया गया।

भारत लौटने पर हैदराबाद एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने गहन पूछताछ के बाद पाया कि उसकी डिग्री पूरी तरह फर्जी थी।


शिक्षा सलाहकारों की संदिग्ध भूमिका

पूछताछ में गोपाल रेड्डी ने स्वीकार किया कि उसने यह फर्जी डिग्री कटोजू अशोक नामक एजेंट से हासिल की थी, जो “श्री धनलक्ष्मी ओवरसीज़ प्राइवेट लिमिटेड” नामक संस्था के तहत काम करता है, जिसका कार्यालय बीएन रेड्डी नगर, वनस्थलीपुरम में स्थित है।

  • गोपाल को 1 जून को गिरफ्तार किया गया और अशोक को 2 जून को हिरासत में लिया गया

BoI अधिकारियों का कहना है कि यह मामला इशारा करता है कि कुछ शिक्षा सलाहकारों की संलिप्तता से फर्जी डिग्रियां तैयार कर छात्रों को विदेशी वीज़ा दिलवाया जा रहा है

“हमने महसूस किया कि कुछ छात्र एजेंटों के जरिए नकली डिग्री बनवाकर अमेरिका और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटियों में दाखिला ले रहे हैं। अब हम इस ट्रेंड पर नजर बनाए हुए हैं,” — BoI अधिकारी ने बताया।


फर्जी डिग्री के बावजूद कैसे मिला वीज़ा?

चौंकाने वाली बात यह है कि इन छात्रों ने विदेशी दूतावासों में वीज़ा इंटरव्यू सफलतापूर्वक पास किए और उन्हें मान्य वीज़ा भी जारी हुआ। लेकिन आखिरी पड़ाव पर RGIA में अतिरिक्त सुरक्षा जांच के दौरान सच्चाई सामने आई


विदेशी शिक्षा प्रणाली की साख पर खतरा

यह मामला एक बार फिर से ओवरसीज़ एजुकेशन कंसल्टेंसी और शिक्षा माफिया के नेटवर्क पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं भारतीय छात्रों की साख और भविष्य दोनों को खतरे में डाल सकती हैं

BoI की जांच फिलहाल जारी है और माना जा रहा है कि और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। वहीं DGCA और विदेश मंत्रालय को भी इस पर नजर रखने की सिफारिश की गई है।