तेहरान, 22 जून 2025 — अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर रविवार को बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। यह हमला इजरायल द्वारा ईरान पर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि की और इसे “इतिहास बदलने वाला निर्णय” करार दिया। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की “साहसिक कार्रवाई” की सराहना करते हुए कहा कि “अब इतिहास की दिशा बदल गई है।”
तीन बड़े परमाणु ठिकाने ध्वस्त: फोर्डो, नतान्ज़ और इस्फहान
राष्ट्रपति ट्रंप ने Fox News को बताया कि अमेरिका ने
- फोर्डो परमाणु स्थल पर 6 बंकर-बस्टर बम गिराए
- और नतान्ज़ और इस्फहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं।
उन्होंने कहा,
“ये हमले पूरी तरह से सफल रहे। ईरान के मुख्य परमाणु ठिकाने अब पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। यह एक शानदार सैन्य सफलता है।”
नेतन्याहू का ऐलान: “जो वादा किया था, वह निभाया”
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा,
“मैंने इजरायली नागरिकों से वादा किया था कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म किया जाएगा। आज वह वादा पूरा हुआ।”
उन्होंने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा:
“आज अमेरिका ने वह कर दिखाया जो कोई दूसरा देश नहीं कर सका। यह शक्ति के साथ शांति लाने का आदर्श उदाहरण है।”
ट्रंप ने दी ईरान को चेतावनी: “या तो शांति, या तबाही”
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस से अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा,
“ईरान के लिए अब केवल दो रास्ते हैं — शांति या त्रासदी। अगर शांति जल्द नहीं आई, तो हम बाकी ठिकानों पर भी निशाना साधेंगे।”
ट्रंप ने हमले की जानकारी सबसे पहले Truth Social पर साझा करते हुए लिखा:
“फोर्डो पर पूरी तरह से बमबारी हुई। सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। यह अमेरिका, इजरायल और पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है।”
ईरान की प्रतिक्रिया और अब तक का नुकसान
एक ईरानी मानवाधिकार संगठन के अनुसार, अमेरिकी और इजरायली हमलों में अब तक 600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
इजरायल के अनुसार, ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अब तक
- 450 मिसाइलें
- और 1,000 ड्रोन
दागे हैं, जिनमें कम से कम 24 लोग मारे गए हैं।
युद्ध की पृष्ठभूमि: ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ की शुरुआत
इजरायल ने पिछले शुक्रवार को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” की शुरुआत की थी, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों, सैन्य प्रतिष्ठानों, टॉप जनरलों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया था। इजरायल ने दावा किया कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं कि तेहरान परमाणु हथियार बनाने की अंतिम अवस्था में पहुंच चुका था।
नेतन्याहू का ऐलान: “यह भविष्य की शांति का आधार है”
नेतन्याहू ने कहा,
“ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने एक ऐतिहासिक मोड़ दिया है, जो मध्य पूर्व और पूरी दुनिया को समृद्धि और शांति की दिशा में ले जा सकता है। ईश्वर अमेरिका और इजरायल को आशीर्वाद दे।”
निष्कर्ष: क्या यह संघर्ष वैश्विक युद्ध की ओर इशारा कर रहा है?
ईरान, इजरायल और अब अमेरिका की खुली सैन्य कार्रवाई ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई जा सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह टकराव रोका नहीं गया तो यह मध्य पूर्व को एक बड़े युद्ध में धकेल सकता है।
