रायपुर, 21 जून 2025।
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छत्तीसगढ़ के एक परिवार की सुरक्षित वापसी को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर यह मुद्दा उठाया जाएगा और हर संभव प्रयास किया जाएगा ताकि वहां फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाया जा सके।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा,
“मैं इस विषय में मुख्यमंत्री से बात करूंगा और इसे दिल्ली में भी उठाऊंगा। जो भी वहां फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाएगा। राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगी।”
उनका यह बयान उस समय आया है जब ईरान में चल रहे संघर्ष के कारण वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, विशेषकर छत्तीसगढ़ के परिवार की स्थिति पर मीडिया में रिपोर्ट सामने आने के बाद।
ऑपरेशन सिंधु: केंद्र सरकार का राहत अभियान
इससे पहले गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान से 110 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित दिल्ली लाया गया। इन नागरिकों में बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के छात्र भी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुष्टि की कि राज्य के 94 छात्र सुरक्षित दिल्ली पहुंच चुके हैं और उनकी घर वापसी के लिए परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा:
“ईरान से निकाले गए हमारे 94 छात्र सुरक्षित दिल्ली पहुंच चुके हैं। सरकार उनके लिए परिवहन व्यवस्था कर रही है, जिससे कुछ घंटों में वे घर पहुंच सकें।”
विदेश राज्य मंत्री की भूमिका
विदेश राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीय नागरिकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संकटग्रस्त क्षेत्र से हर भारतीय नागरिक की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ईरान से लौटी एक भारतीय छात्रा शेख आफ्सा ने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा,
“हमें डॉर्मिट्री से सीधे सुरक्षित निकाला गया। भारत सरकार ने जो प्रयास किए, उनके लिए हम आभारी हैं।”
निष्कर्ष
ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त कोशिशों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और वापसी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन से वहां फंसे नागरिकों के परिवारों में उम्मीद की किरण जगी है।
