दुर्ग, 20 जून 2025/
हाल ही में दुर्ग पुलिस द्वारा शहर में बड़े पैमाने पर जुए के अड्डे पर कार्रवाई कर कई युवकों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकद राशि जब्त की गई। इस कार्रवाई ने एक ओर जहां दुर्ग पुलिस की सराहना कराई, वहीं दूसरी ओर कई सवालों को भी जन्म दे दिया। इन सवालों के उत्तर जानने और पारदर्शिता की मांग को लेकर वरुण जोशी, अध्यक्ष, शिवनाथ महोत्सव समिति, ने दुर्ग पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में उठाए गए मुख्य प्रश्न:
वरुण जोशी ने अपने ज्ञापन में लिखा कि:
- यदि सचमुच बड़े होटल की दीवार के पीछे जुआ खेला जा रहा था, तो होटल की सुरक्षा व्यवस्था (गार्ड व सीसीटीवी कैमरे) में यह गतिविधि कैसे नजर नहीं आई?
- पुलिस ने जो तस्वीरें मीडिया को प्रदान की हैं, वे उस स्थल से संबंधित प्रतीत नहीं होतीं, फिर कार्यवाही की जगह को लेकर भ्रामक जानकारी क्यों दी गई?
- जब इतनी बड़ी कार्यवाही की गई, तो किसी वाहन को जब्त क्यों नहीं किया गया?
- पुलिस द्वारा कोई वीडियो या फोटो साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किया गया है, जिससे संदेह और भी गहरा हो रहा है।
- क्या कार्रवाई में पकड़े गए रसूखदारों को जानबूझकर छोड़ दिया गया?
- मीडिया में प्रकाशित खबरों और पुलिस की प्रेस रिलीज़ के बीच अंतर स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।
सार्वजनिक पारदर्शिता की मांग:
वरुण जोशी ने पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कर सत्य जनता के सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि “कानून से बड़ा कोई रसूख नहीं होता। अगर कार्यवाही सही है तो उसकी पारदर्शिता भी होनी चाहिए। यदि कोई जानबूझकर छिपाया गया है, तो यह आम जनता और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ अन्याय है।”
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि शहर के सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी वर्ग, और युवा अब जवाब चाहते हैं, क्योंकि यह मामला सिर्फ जुए की कार्रवाई का नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन की साख और जवाबदेही का भी है।
