रायपुर, 20 जून 2025।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद द्वारा आज राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में “आधार से अधिकतम लाभ प्राप्त करना” विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में आधार के व्यापक और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देना और जनकल्याणकारी योजनाओं को पारदर्शी एवं डिजिटल गवर्नेंस से जोड़ना रहा। इस कार्यशाला का आयोजन मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन के मार्गदर्शन में किया गया।
आधार – डिजिटल पहचान से डिजिटल भारत की ओर
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भुवनेश कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य आई.टी. के क्षेत्र में तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि देशभर में अब तक लगभग 140 करोड़ आधार बनाए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से हितग्राहियों को सीधे योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आधार एनरोलमेंट और अपडेशन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए नवीन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो रही है।
समावेशी और पारदर्शी शासन में आधार की भूमिका
छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख सचिव (ई&आईटी) श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कहा कि आधार आज भारत का सबसे परिवर्तनकारी डिजिटल मंच बन चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे पेंशन, मनरेगा, पीडीएस, ई-डिस्ट्रिक्ट, आदि में आधार का सफल इंटीग्रेशन किया गया है, जिससे शासन और नागरिकों के बीच विश्वास और पारदर्शिता बढ़ी है।
यूआईडीएआई के वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन
- श्रीमती पी. संगीता, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, हैदराबाद रीजनल ऑफिस ने बताया कि आधार अब केवल पहचान संख्या नहीं, बल्कि सुशासन की आधारशिला बन चुका है।
- डीडीजी श्री विवेक चंद्र वर्मा और श्री विनोद कुमार सिंह ने आधार अधिनियम 2016, प्रमाणीकरण सुविधाएं और आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी।
- कर्नल निखिल सिन्हा ने आधार एनरोलमेंट और अद्यतन प्रक्रिया में हालिया बदलावों को प्रस्तुत किया।
- लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव यादव ने अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ की आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया की समीक्षा साझा की।
अनुभव और श्रेष्ठ प्रयासों की साझा प्रस्तुति
बेंगलुरु के राजस्व आयुक्त श्री सुनील कुमार पोम्माला ने कर्नाटक की भूमि प्रबंधन प्रणाली और कृषि योजनाओं में आधार के उपयोग की उपयोगिता साझा की, जिससे छत्तीसगढ़ के लिए नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त हुआ।
चिप्स के सीईओ श्री प्रभात मलिक ने बताया कि आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से अपात्र हितग्राहियों को हटाकर योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि शासन की जवाबदेही को भी मजबूत करती है।
सराहनीय कार्य के लिए सम्मान
चिप्स द्वारा प्रदेश के 14 आधार ऑपरेटरों को सम्मानित किया गया जिन्होंने पिछले छह माह में न्यूनतम त्रुटियों के साथ आधार एनरोलमेंट एवं अपडेशन का कार्य किया है। यह पुरस्कार उन्हें प्रेरणा स्वरूप प्रदान किया गया ताकि भविष्य में अन्य ऑपरेटर भी उच्च गुणवत्ता बनाए रखें।
प्रतिभागियों की भागीदारी और संवाद
कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से आए आधार ऑपरेटर्स, विभिन्न विभागों के सचिव, और तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने आधार से संबंधित विविध तकनीकी और प्रायोगिक प्रश्न पूछे, जिन पर विशेषज्ञों ने समाधान प्रस्तुत किए।
निष्कर्ष:
यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ में आधार की उपयोगिता को बढ़ाने, डिजिटल शासन की मजबूती, और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मील का पत्थर सिद्ध होगी। कार्यशाला से मिले सुझाव और अनुभव प्रदेश को स्मार्ट गवर्नेंस और डिजिटल समावेशन की ओर ले जाने में सहायक होंगे।
