रायपुर, 19 जून 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शुरू की गई स्कूल पुनर्संरचना (Rationalisation) नीति के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सरकार के अनुसार, अब राज्य में कोई भी स्कूल ऐसा नहीं है जहाँ शिक्षक पद रिक्त हो। साथ ही, सिंगल-टीचर स्कूलों की संख्या में 80% की कमी आई है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
शासन द्वारा जारी बयान के अनुसार, बलरामपुर जिले के 311 सिंगल-टीचर स्कूलों और 14 पूर्णतः शिक्षकविहीन स्कूलों में अब नियमित शिक्षण व्यवस्था प्रारंभ हो चुकी है। इन विद्यालयों में अधिशेष शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है, जिससे अब इन क्षेत्रों के बच्चों को प्रत्येक विषय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
राज्य सरकार ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा एक डेटा-आधारित कार्य योजना एवं संतुलित पुनर्संरचना तैयार की गई थी, जिसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी विद्यालय में शिक्षक का पद लंबे समय तक खाली न रहे।
सरकार के अनुसार, अब दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित ऐसे स्कूल जहाँ पहले शिक्षक उपलब्ध नहीं थे, वहाँ भी नियमित कक्षाएँ संचालित हो रही हैं। बलरामपुर विकासखंड का प्राथमिक विद्यालय महाराजगंज, जो लंबे समय तक बिना किसी शिक्षक के संचालित हो रहा था, अब पूर्ण रूप से कार्यरत है। इसी प्रकार, प्राथमिक विद्यालय लुंग्स, भीतर सौनी और माक्याथी जैसे सिंगल-टीचर स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति संभव हो पाई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह पहल राज्य में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम के रूप में देखी जा रही है। इससे विशेषकर दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा का अधिकार सशक्त रूप में मिला है।
