दुर्ग में नारकोटिक्स समिति की बैठक संपन्न, विशेष नशा मुक्ति केंद्र की योजना पर विचार

दुर्ग, 19 जून 2025:
दुर्ग जिले में मादक पदार्थों की रोकथाम, नियंत्रण और पुनर्वास को लेकर जिला स्तरीय नारकोटिक्स समिति की महत्वपूर्ण बैठक प्रभारी सचिव श्री सुब्रत साहू की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल सहित खाद्य एवं औषधि प्रशासन, स्वास्थ्य, आबकारी, समाज कल्याण, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, और वन विभाग के अधिकारी भी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।


🚔 जनवरी से जून तक 49 प्रकरण दर्ज, बड़ी मात्रा में जब्ती

बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल ने बताया कि 01 जनवरी 2025 से 19 जून 2025 के बीच नारकोटिक्स एक्ट (NDPS Act) के तहत कुल 49 प्रकरण दर्ज किए गए।
इनके अंतर्गत जब्त मादक पदार्थों का विवरण निम्नानुसार है:

  • गांजा: 231.745 किलोग्राम
  • नशीली गोलियां/कैप्सूल: 55,182 नग
  • हेरोइन: 306.29 ग्राम
  • ब्राउन शुगर: 2.5 ग्राम

इनमें से 2 प्रकरण पेट्रोलिंग/चेकिंग के दौरान और 47 प्रकरण मुखबिर की सूचना के आधार पर दर्ज किए गए।


🧪 नशीले पदार्थों के नष्टीकरण पर विशेष निर्देश

प्रभारी सचिव श्री साहू ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि:

  • जब्त किए गए मादक पदार्थों का नष्टीकरण 3 से 4 महीने की सीमा में अनिवार्य रूप से किया जाए।
  • 53 प्रकरणों की सूची नष्टीकरण के लिए तैयार की गई है।

उन्होंने नारकोटिक्स मामलों के शीघ्र निपटारे और जब्ती की कार्यवाही तेज करने के लिए भी निर्देश दिए।


👶 विशेष नशा मुक्ति केंद्र का सुझाव

बैठक में पुलिस अधीक्षक ने बच्चों के लिए अलग नशा मुक्ति केंद्र की आवश्यकता पर बल दिया।
इस पर श्री साहू ने कहा कि:

  • जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों में महिला, अवयस्क, और बाल नशा पीड़ितों के लिए अलग-अलग पुनर्वास व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार किया जाए।

💊 औषधि विक्रय में गड़बड़ी पर सख्त कदम

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जानकारी दी कि अप्रैल 2024 से मई 2025 के बीच कई दवा विक्रेताओं में अनियमितताएं पाई गईं:

  • 26 फर्मों को नोटिस जारी
  • 18 फर्मों के लाइसेंस निलंबित
  • 03 फर्मों का पंजीयन रद्द

इस पर श्री साहू ने और अधिक निरीक्षण करने तथा बंद पड़ी फर्मों का पंजीयन रद्द करने के निर्देश दिए।


📌 निष्कर्ष

जिले में नारकोटिक्स नियंत्रण, औषधि विक्रय में पारदर्शिता, और नशा पीड़ितों के पुनर्वास की दिशा में प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है। खासकर बाल नशा पीड़ितों के लिए अलग केंद्र का सुझाव एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल हो सकती है। आने वाले समय में यदि ये निर्देश प्रभावी ढंग से लागू होते हैं, तो दुर्ग जिला नशामुक्ति और पुनर्वास के क्षेत्र में एक मिसाल बन सकता है।