अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी में जुटा दुर्ग, जिले के 36 आयुष संस्थानों में विविध योग कार्यक्रमों का आयोजन

दुर्ग, 19 जून 2025:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के मद्देनज़र जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश चंद्रवंशी के मार्गदर्शन में दुर्ग जिले के समस्त 36 आयुष संस्थानों में पूरे उत्साह के साथ विभिन्न योग थीम आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में योग संगम, योग समावेश, हरित योग, योग अनप्लग्ड, महाकुंभ, और समयोग जैसे विविध आयोजन शामिल रहे।


🧘‍♂️ “योग अनप्लग्ड” के माध्यम से आमजन तक पहुंचा योग

योग अनप्लग्ड” थीम के तहत आयुष संस्थानों ने केवल अपने परिसरों में नहीं, बल्कि अन्य संस्थाओं में जाकर भी योगा प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराया।
इस क्रम में:

  • शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भिलाई-03
  • प्रयास रेजिडेंशियल स्कूल, मालवीय चौक, दुर्ग
    में योगाभ्यास कराया गया। इस दौरान विद्यार्थियों और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य में योग के महत्व की जानकारी दी गई और मेडिटेशन (ध्यान) भी कराया गया।

🌀 चक्रिय ध्यान (Cyclic Meditation) का विशेष सत्र

छत्रपति शिवाजी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट, दुर्ग में साइकलिक मेडिटेशन (चक्रिय ध्यान) का विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें:

  • डॉ. मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने आयुष विभाग की गतिविधियों की जानकारी दी।
  • डॉ. नम्रता यादव ने उपस्थितजनों को चक्रिय ध्यान का अभ्यास कराया।

इस सत्र का उद्देश्य था तनाव प्रबंधन और मानसिक एकाग्रता को बढ़ावा देना।


🥗 स्वास्थ्यवर्धक वितरण और नेत्र स्वच्छता

जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, दुर्ग द्वारा योग सत्र के उपरांत:

  • त्रिफला जल से नेत्र प्रक्षालन,
  • सूक्ष्म व्यायाम,
  • स्वास्थ्य विषयक पाम्पलेट,
  • अंकुरित चना और मूंग का वितरण किया गया, जिससे पोषण और योग का समन्वय हो सके।

📢 चलित वाहन से योग दिवस का प्रचार

21 जून को आयोजित होने वाले मुख्य योग दिवस कार्यक्रम को लेकर जिला आयुष कार्यालय दुर्ग द्वारा चलित वाहन से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
यह प्रचार खालसा पब्लिक स्कूल, दुर्ग में प्रातः 7:00 से 7:45 बजे तक आयोजित योग सत्र को लेकर किया जा रहा है, जिसमें आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।


📌 निष्कर्ष

दुर्ग जिले में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पूर्व आयुष विभाग द्वारा नियमित और रचनात्मक योग गतिविधियों के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न शिक्षण संस्थानों, संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित योग सत्रों से यह स्पष्ट है कि योग अब सिर्फ क्रिया नहीं, बल्कि जनचेतना का हिस्सा बन रहा है।