तिरुवनंतपुरम, 19 जून 2025:
केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया है कि पेट्रोल पंपों में बने शौचालय आम जनता के उपयोग के लिए नहीं हैं। यह फैसला न्यायमूर्ति सी. एस. डायस ने पेट्रोलियम व्यापारियों और पेट्रोल पंप मालिकों के संगठन द्वारा दायर याचिका पर सुनाया।
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि उनके प्रतिष्ठानों में मौजूद शौचालय केवल आपात स्थिति में ग्राहकों के उपयोग के लिए बनाए गए हैं और इन्हें आम जनता के लिए खुला नहीं रखा जा सकता। उनका तर्क था कि राज्य सरकार और स्थानीय निकाय इन निजी शौचालयों को सार्वजनिक सुविधा घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अनुचित है।
इस पर सहमति जताते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार और तिरुवनंतपुरम नगर निगम को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ताओं के पेट्रोल पंपों में स्थित शौचालयों को आम जनता के उपयोग के लिए बाध्य न करें।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई निर्धारित की है।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की उपलब्धता को लेकर अक्सर बहस होती रहती है। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल स्पष्ट किया है कि निजी प्रतिष्ठानों की सुविधा को अनिवार्य रूप से सार्वजनिक नहीं ठहराया जा सकता।
