दंतेवाड़ा, 18 जून 2025:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र में हुए भीषण नक्सली आईईडी हमले के मामले में 26 नक्सलियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। इस दर्दनाक हमले में 10 डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) जवान और एक आम नागरिक शहीद हुए थे। एनआईए की इस कार्रवाई से नक्सल नेटवर्क के बड़े चेहरे दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ (डीएकेएमएस) का चेहरा बांद्रा ताती सामने आया है, जिसे मुख्य आरोपी बनाया गया है।
25 अप्रैल 2023: दंतेवाड़ा का काला दिन
यह घटना 25 अप्रैल 2023 को हुई थी जब नक्सलियों ने अरनपुर इलाके में आईईडी विस्फोट कर डीआरजी जवानों के काफिले को निशाना बनाया था। एक के बाद एक हुए विस्फोटों में 10 जवानों सहित एक ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई थी। हमले की भयावहता ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था।
एनआईए की लंबी और गहन जांच
इस घटना के बाद भारत सरकार द्वारा इस केस की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने मौके पर साक्ष्य एकत्र, अभियुक्तों के संबंध, उनकी संगठनात्मक भूमिका और साजिश की गहराई तक जांच की। जांच के दौरान, एनआईए ने 2023 में ही 26 नामजद नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
बांद्रा ताती: नक्सली फ्रंटल संगठन का सरगना
एनआईए की चार्जशीट में यह स्पष्ट किया गया है कि सीपीआई (माओवादी) के फ्रंटल संगठन डीएकेएमएस के अध्यक्ष बांद्रा ताती को हमले का मुख्य साजिशकर्ता पाया गया है। उस पर एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट, यूए (पी) एक्ट, और छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
संगठन की भूमिका भी उजागर
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि यह हमला पूरी तरह पूर्व नियोजित और सामूहिक साजिश का हिस्सा था, जिसे सीपीआई (माओवादी) के सैन्य और फ्रंटल संगठनों ने मिलकर अंजाम दिया। डीएकेएमएस जैसे संगठन ग्राम स्तर पर जानकारी इकट्ठा करने, समर्थन जुटाने और जवानों की मूवमेंट की खबरें माओवादियों तक पहुंचाने का कार्य करते थे।
एनआईए की कार्रवाई से माओवादियों को झटका
एनआईए की चार्जशीट दाखिल होने के बाद राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे माओवादी नेटवर्क की कमर टूटेगी। साथ ही यह संदेश भी गया है कि सुरक्षाबलों पर हमले करने वालों को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।
शहीद जवानों के लिए न्याय की ओर एक कदम
यह आरोप पत्र उन शहीदों के परिजनों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो इस हमले में वीरगति को प्राप्त हुए। दंतेवाड़ा जैसे संवेदनशील इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान अब और तेज होने की संभावना है।
सरकार और एजेंसियों की सतर्कता
इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियां नक्सलियों के फ्रंटल संगठनों और वित्तीय नेटवर्क पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। फर्जी सामाजिक संगठनों की आड़ में चल रहे नक्सल नेटवर्क को भी चिन्हित किया जा रहा है।
निष्कर्ष
एनआईए द्वारा दाखिल यह चार्जशीट न केवल एक न्यायिक प्रक्रिया की प्रगति को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां हर आतंकी/नक्सली हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम और तैयार हैं। नक्सल हिंसा के खिलाफ यह एक मजबूत कानूनी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
